Lockdown: यात्री Train दौड़ाने की तैयारी शुरू, ये है गाइडलाइन
Lockdown: यात्री Train दौड़ाने की तैयारी शुरू, ये है गाइडलाइन
दूसरे चरण का लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होते ही रेलवे यात्री ट्रेन (Train) चलाना शुरू कर देगा। इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई हैं। मुख्यालय ने 24 बिंदुओं की गाइडलाइन जारी की है। इसमें से कुछ पर लॉकडाउन (Lockdown) पीरियड में काम करना है, जबकि कुछ ट्रेन (Train) रवाना करने से पहले। गाइड लाइन के अनुसार रेलवे को मंडल में खाली खड़े ट्रेन (Train) के रैक का मेंटेनेंस करके तैयार रहना होगा, ताकि सरकार की हरी झंडी मिलते ही ट्रेन (Train) चलाई जा सकें। 23 मार्च से मंडल के रतलाम, उज्जैन और इंदौर स्टेशन के यार्ड में यात्री ट्रेन (Train) के 40 से ज्यादा खाली रैक खड़े हैं। आरपीएफ के 50 जवान इनकी सुरक्षा कर रहे हैं।
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तैयारी की गाइडलाइन के प्रमुख पाॅइंट
- रैक के प्रत्येक कोच को नियमित चेक करते रहे। यात्री सुविधा से जुड़े उपकरण जैसे नल, पंखा या अन्य के न होने पर उन्हें तुरंत लगाया जाए।
- एक्सल, ब्रेक, गियर सहित अन्य सभी ऐसे उपकरणों की ग्रीसिंग व आइलिंग की जाए, जिन्हें जरूरत हो।
- ऐसे कोच जिनका मेंटेनेंस ओवरड्यू हो गया है या सिक है, उन्हें हटाकर ठीक करवाया जाए।
- सारे बायोटॉयलेट ठीक चालू स्थिति में होना चाहिए।
- पॉवर कार और कोच के नीचे लगने वाली बैटरी के पॉजिटिव और निगेटिव साइड के फ्यूज निकाल दिए जाए ताकि वह खराब न हो।
- प्रत्येक रैक को एचओजी सिस्टम को लगातार चेक करके रिकॉर्ड भी रखना है।
- लॉकडाउन (Lockdown) खत्म होने के बाद रैक को पहले पिट लाइन पर ले जाकर सैनिटाइज्ड करने रवाना करना है।
- सर्विस शुरू होते ही ट्रेन (Train) में चलने वाले सफाईकर्मियों को पीपीई किट दिए जाए।
एम्स विशेषज्ञों ने स्टाफ को दी ट्रेन (Train)
गुरुवार को मंडल चिकित्सालय के नर्सिंग स्टाफ को कॉलेज ऑफ नर्सिंग एम्स द्वारा वेबिनार से ट्रेन (Train) दी गई। इसमें कोविड-19 का प्रसार होने पर उपकरणों एवं आसपास के क्षेत्र को किस प्रकार विसंक्रमित रखा जाए यह बताया। साथ ही संक्रमित व्यक्ति को आइसोलेशन एवं क्वारंटाइन के दौरान क्या सावधानियां और तैयारियां रखनी इसके बारे में विस्तृत जानकारी दी। वेबिनार में 44 कर्मचारी मोबाइल के माध्यम से सेमिनार में शामिल हुए।
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शंभुपुरा वैगन रिपेयर वर्कशॉप के इंजीनियरों ने एक कदम आगे जाकर फुट पेडल ऑपरेटेड हैंडवाश एंड वाटर डिस्पेंसर मशीन में ड्रिंकिंग वाटर डिस्पेंसर सिस्टम भी जोड़ दिया है। इसकी सहायता से कर्मचारी फुट पेडल दबाकर बिना स्पर्श किए पीने का पानी भी पी सकेंगे। फिलहाल इस प्रकार की दो मशीनें बनाई गई हैं। इन्हें शंभुपुरा वर्कशॉप और रनिंग रूम चित्तौड़गढ़ में लगाया गया है। दो और मशीनें बनाई जा रही हैं।