LED Bulb 2023: मात्र ₹10 में 37 करोड़ लोगो ने खरीदा एलईडी बल्ब, फटाफट बेच रही सरकार, आप भी खरीदे
LED Bulb 2023
LED Bulb Price In Hindi 2022: आज एलईडी बल्ब के आ जाने तथा उजाला योजना की वजह से देश दूधिया रोशनी से जगमग आ रहा है। यह दूधिया रोशनी देश को काफी प्रदूषण से भी बचा रही है। 8 वर्ष के दौरान उजाला योजना के तहत 37 करोड़ एलईडी बल्ब का वितरण किया जा चुका है। उजाला योजना आज घर-घर में सस्ते दर पर एलईडी बल्ब उपलब्ध करवा रहा है। उजाला योजना का लाभ गरीबों से लेकर हर शहरी व्यक्ति द्वारा किया जा रहा है।
बांटे गए पंखे ट्यूबलाइट और बल्ब LED Bulb Price Update In Hindi
उजाला योजना के तहत एक ओर जहां 37 करोड़ बल्ब का वितरण किया गया है। वही ट्यूबलाइट और पंखे भी आम लोगों को उपलब्ध करवाए गए। जानकारी के अनुसार उजाला योजना के तहत 72 लाख एलईडी ट्यूबलाइट तथा करीब 23 लाख पंखे का वितरण किया गया है।
बिजली की खपत में आई कमी
उजाला योजना के तहत वितरित किए गए बल्ब ट्यूब लाइट और पंखे की वजह से बिजली की खपत में कमी आई है। बताया गया है कि इन 8 वर्षों में करीबन 9788 मेगा वाट बिजली की बचत की गई। सबसे बड़ी बात यह है कि इस योजना की मदद से सालना 3.93 करोड़ टन कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन में कमी आई है। इसे साधारण तौर पर कुछ इस तरह समझ सकते हैं। बताया गया है कि अगर प्रतिवर्ष करीब 47 लाख कारों को सड़क पर आने से रोकने पर प्रदूषण से होने वाली बचत के बराबर है।
मेक इन इंडिया आया काम
मेक इन इंडिया काम आ गया है। मेक इन इंडिया के तहत आज एक लाख से बढ़कर 4 करोड़ तक एलईडी बल्ब का उत्पादन शुरू हो गया है। वही उत्पादन बढ़ने की वजह से एलईडी बल्ब की कीमत में करीबन 90 प्रतिशत की कमी आई है। बिजली का खर्च कम हुआ है जिसकी वजह से लोगों को बिल में काफी राहत मिल रही है।
गांव में चला उजाला कार्यक्रम
प्रधानमंत्री मोदी के इस अनूठी पहल की वजह से आज गांव भी उजाला कार्यक्रम से वंचित नहीं है। गांवों में लगभग सौ प्रतिशत घरों में एलईडी बल्ब का उपयोग हो रहा है। गांव में 10 रुपए में एलईडी बल्ब प्रदान किया जा रहा है। हालांकि शुरू में इसकी कीमत कुछ ज्यादा थी लेकिन इस समय सरकार का प्रयास है की गांव के लोगों को 10 रुपए में एलईडी बल्ब उपलब्ध कराया जाए जिसके लिए पूर्णरूपेण प्रयास भी चल रहा है।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2014-15 में भारत में एलइडी का उपयोग मात्र 0.1 प्रतिशत था। लेकिन धीरे-धीरे 2015-16 में इसकी उपयोगिता बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया। ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री मोदी ने 5 जनवरी 2015 को उजाला योजना की शुरुआत की थी। इसके बाद उजाला योजना दिन दूनी रात चौगुनी की दर से वृद्धि करता गया और आज पूरे देश में एलईडी की दूधिया रोशनी है।