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Land Registration In Hindi: क्या और कैसे होती है रजिस्ट्री? आइए बैठकर समझते है

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Property News: रजिस्ट्री मतलब संपत्ति का मालिकाना हक होता है. अगर आप कोई भी जमीन जायदाद खासकर अचल संपत्ति खरीदते हैं तो उस समय रजिस्ट्री करवाने की जरूरत होती है.

Land Registration In Hindi: रजिस्ट्री मतलब संपत्ति का मालिकाना हक होता है। अगर आप कोई भी जमीन जायदाद खासकर अचल संपत्ति खरीदते हैं तो उस समय रजिस्ट्री करवाने की जरूरत होती है। रजिस्ट्री एक कानूनी प्रक्रिया है जिसमें दी जाने वाली संपत्ति के लिए क्रेता और विक्रेता के बीच एक करारनामा होता है। यह व्यवस्था शासकीय होती है। इसमें सरकार को उक्त संपत्ति की कीमत के अनुसार स्टांप ड्यूटी चुकानी पड़ती है। संपत्ति का हस्तांतरण कई वैधानिक रूपों में किया जा सकता है। आईए इसके बारे में जानकारी प्राप्त करें।

क्या होती है रजिस्ट्री

Property News रजिस्ट्री किसी भी भूमि भवन जिसे भूमि स्वामी बेचना चाहता है। क्रेता उसे एक निश्चित कीमत देकर खरीदना चाहता है। लेकिन इस खरीदी की पूरी प्रक्रिया शासन द्वारा निर्धारित एक प्रक्रिया के तहत अपने नाम कर करवाता है। नाम करवाने की यही प्रक्रिया को रजिस्ट्री कहते हैं। जाडेजा पानी गर्म कि नहीं मोटररजिस्ट्री दस्तावेज में विक्रेता मालिक का नाम हटाकर के नाम दर्ज कर दिया जाता है।

किन-किन विलेख माध्यमों से जमीन हो सकती है आपके नाम

Online Land Registration जमीन को या किस भवन आदि को अपने नाम करवाने के लिए कई विलेख प्रचलन में है। जिसमें कुछ विलेखों को शासन द्वारा अधिकृत किया गया है तो वही कुछ विलेखो को अब कानूनी मान्यता प्राप्त नहीं है।

बेनामा

Land Purchase Lifetime Earnings बेनामा क्रेता और विक्रेता के बीच की बिक्री खरीदी का एक करार निश्चित होता है। यह करार तहसील कार्यालय में किया जाता है। जमीन बेचने के लिए एक सेल ड्रिड तैयार की जाती है। जिसमें जमीन का नक्शा, जमीन की जानकारी, क्रेता विक्रेता की जानकारी, दोनों के बीच हुए करार तथा गवाह आदि की जानकारी दर्ज की जाती है। जमी बिक्री के संबंध में क्रेता और विक्रेता के बीच हुए समझौते की जानकारी दर्ज रहती है। इसी जानकारी के आधार पर विक्रेता क्रेता को जमीन देता है।

दानपत्र

Land Registration Legal Process दान पत्र में जमीन का भूमिस्वामी यानी कि मालिक अपनी जमीन किसी अन्य व्यक्ति को दान स्वरूप दे सकता है। उस जमीन से लाभ अर्जित ना करते हुए भूमि स्वामी अपनी जमीन देता है। भूमि हस्तांतरण का यह एक माध्यम है।

वसीयत

अपनी संपत्ति किसी दूसरे के नाम करने के लिए वसीयत किया जा सकता है। इसके लिए कोई कर नहीं चुकाना पड़ता। मात्र 100 रुपए के स्टांप ने भूमिस्वामी अपनी जमीन जिस किसी के नाम करना चाहता है स्टाफ में उसका नाम दर्ज करवा देता है। हालांकि इसे कानूनी तौर पर जरूरत नहीं है।

पावर आफ अटार्नी

कोई भी भूमि भवन का मालिक अपनी संपत्ति का मालिकाना हक किसी दूसरे को दे सकता है। बिना जमीन की बिक्री किए मालिकाना हक देने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी की आवश्यकता पड़ती है। 100 रुपए के स्टांप में भूमि स्वामी पावर लेने वाले व्यक्ति के नाम उक्त जमीन का मालिकाना हक सौंप देता है।

जाने रजिस्ट्री की प्रक्रिया

किसी भी जमीन को खरीद कर अपने नाम दर्ज करवाने की प्रक्रिया रजिस्ट्री कहलाती है। इसमें क्रेता और विक्रेता की जरूरत पड़ती है। साथ में दो गवाह चाहिए होते हैं। रजिस्ट्रार कार्यालय में जाकर क्रेता और विक्रेता जमीन को बेच खरीद सकते हैं।

सबसे पहले जमीन की मार्केट वैल्यू निर्धारित की जाती है। मार्केट वैल्यू के आधार पर स्टांप खरीदे जाते हैं स्टाफ में बैमाना टाइप कराया जाता है। स्टांप ड्यूटी जमीन के मालिक के लिए मालिकाना सबूत के तौर पर होती है। बेमाना में क्रेता विक्रेता की जानकारी दर्ज कराई जाती है रजिस्ट्रार कार्यालय से रजिस्ट्री का एक नंबर दर्ज होता है। इसमें दो गवाह की आवश्यकता होती है। साथ ही दोनों के मूल दस्तावेज लगाए जाते हैं जिसमें आधार कार्ड पोर्ट फोटो हस्ताक्षर शामिल है। रजिस्ट्री होने के पश्चात पर्ची प्राप्त होती है जिसे रजिस्ट्री कागजात कहा जाता है।

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