Lakhimpur kheri: किसानों को 45 और शहीदों को 10 लाख मुआवज़ा देने पर लोग सरकार को घेरने लगे हैं
बीते सोमवार को उत्तरप्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय राज्य गृह मंत्री के बेटे सांसद आशीष मिश्रा के काफिले ने 4 किसानों को कुचल कर मार डाला जिसके बाद आक्रोशित किसानों ने भी BJP के चार कार्यकर्ता की मार मार कर हत्या कर दी इस दौरान हिंसा में एक पत्रकार सहित 9 लोगों की मौत हो गई। सरकार ने किसानों के बढ़ते प्रदर्शन को देखते हुए मृतकों के परिजनों को 45 लाख मुआवजा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान कर दिया जबकि घायलों को 10 लाख बतौर मुआवजा देने का वादा किया। इस बात को लेकर ट्विटर में जंग छिड़ गई लोग किसानों के परिवार वालों को मिले 45 लाख के मुआवजे से पिछले साल गलवान घाटी में शहादत पाने वाले जवानों के घर वालों को मिले मुआवजे से तुलना करने लगे।
शहीदों को 10 और किसानों को 45 लाख
सोशल मीडिया में लोग बहस लड़ाए हुए हैं की जो लोग देश की हिफाज़त करते हुए अपनी जान गवां देते हैं उन्हें उनकी शहादत के बदले सिर्फ 10 लाख रुपए मिलते हैं जबकि एक बिल को लेकर सालों से प्रदर्शन करने वाले किसानों के मारे जाने पर उन्हें 45 लाख और सरकारी नौकरी बांटी जा रही है। ट्विटर पर कंसल्टिंग एडिटर "स्वराज्य" आनंद रंगनाथन का ट्वीट शेयर किया जा रहा है जिसमे वो ये कहते नज़र आ रहे हैं कि सरकार ने गलवान घाटी में शहीद हुए जवान कुंदन ओझा के परिवार को 10 लाख रुपए दिए जिसने चीनी सैनिको से लड़ते अपनी जान न्योछार कर दी और इस ट्वीट के नीचे ANI UP का ट्वीट है जिसमे सरकार द्वारा 4 किसानों को दिए जाने वाले मुआवजे का ज़िक्र किया गया है
गलवान घाटी में 20 जवान शहीद हो गए थे
पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में देश ने 20 योद्धाओ को खो दिया था। उसके बदले देश के जवानों ने चीनी सैनिकों के छक्के छुड़ा दिए थे। उसके बाद शहीदों के घरवालों को 10 लाख मुआवजा दिया गया था। पंजाब सरकार ने अपने क्षेत्र के शहीदों 12 लाख बंगाल सरकार ने 5 लाख और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का एलान किया था। ओडिसा सरकार से दो जवानों के परिवार वालों को 25 लाख और झारखंड सरकार ने शहीद कुंदन ओझा की पत्नी को 10 लाख रुपए दिए थे।