कॉलेज, हिजाब और भगवा: कर्नाटक पीजी कॉलेज में छात्रों की मजहबी लड़ाई ने अब सीमाएं लांध दी हैं, कोर्ट ने क्या कहा
Karnataka College Hijab Controversy: कर्नाटक के कॉलेज में कई दिनों से 2 समुदाय के छात्र-छात्राओं बीच जंग जारी है. ये लड़ाई पढाई की नहीं बल्कि मजहब की है। कॉलेज में मजहब का क्या काम लेकिन अब ये मजहबी जंग बहुत आगे बढ़ चुकी है जिसमे देश के बड़े नेताओं और हाईकोर्ट को भी बीच में आना पड़ गया है।
पहले मामला समझिये ठीक रहेगा
ये विवाद एक महीने से ज़्यादा पुराना है दरअसल कर्नाटक के उड्डपी के सरकारी पीयू जीआरबी कॉलेज में 6 मुस्लिम लड़कियों ने प्रिंसिपल से कॉलेज में धर्म का हवाला देते हुए हिजाब पहनने की अनुमति मांगी थी। क्योंकि इससे कुछ दिन पहले एक शिक्षक ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनकर कॉलेज में आने से मना किया था। कॉलेज प्रबंधन ऐसा करने की अनुमति नहीं दे रहा था जिसके बाद उन लड़कियों ने सीधा हाईकोर्ट में इसके लिए याचिका दायर कर दी और सविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत हिजाब न पहनने देने को मौलिक अधिकार का हनन बताया।
इसके बाद प्रिंसिपल ने उन्हें अनुमति देदी लेकिन हिन्दू छात्र छात्राओं को यह बात रास नहीं आई, तो उन्होंने कॉलेज में हिजाब वाली लड़कियों के विरोध में भगवा शाल और मफलर पहनकर कॉलेज में आने का फैसला लिया। इसके बाद मुस्लिम छात्र, हिजाब वाली छात्राओं के समर्थन में उतर गए और मामला और ज़्यादा गर्म हो गया।
बीते एक महीने से यही भसड़ मची हुई थी, 8 फरवरी को हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई हुई जिसके बाद 3 दिन के लिए कॉलेज ही बंद कर दिया गया। इस बीच हिन्दू छात्रों ने एक मुस्लिम छात्रा को घेर लिया और जय श्रीराम के नारे लगाने लगे जवाबी कार्रवाई में उस हिजाब वाली लड़की ने भी जोर-जोर से अल्लाह-हु-अकबर के नारे लगाए। मतलब ऐसा लग ही नहीं रहा था कि ये कोई कॉलेज है।
फिर क्या हुआ
पहले तो हिजाब पहनने वाली सिर्फ 6 लड़कियां था, जब बात मजहब की आ गई तो अन्य मुस्लिम लड़कियों ने भी हिजाब पहन लिया और कॉलेज में हिजाब पहनकर बैठने की जिद करने लगी, उधर भगवा धारण किए हिन्दू स्टूडेंट्स अलग बवाल मचाए हुए थे।
कॉलेज ने मुस्लिम छात्राओं को हिजाब पहनने की भी अनुमति दे दी गई लेकिन उन्हें अलग क्लास में बैठने के लिए कहा गया इस बात से भी वो राजी नहीं हुई और फिर से गेट के बाहर प्रदर्शन करने लगीं। आपको बता दें कि इससे पहले करीब 3 साल पूर्व इसी कॉलेज में हिजाब को लेकर लड़ाई हुई थी तब स्कूल प्रबंधन ने कॉलेज में हिजाब और भगवा जैसे धार्मिक कपड़ों को पहनने पर रोक लगा दी थी.
अब तो हद ही हो गई है
कॉलेज मजहब का अखाडा बन गया है। यहां अब कोई सिलेबस और किताब की नहीं, मजहब की बातें चल रही हैं। इससे पहले केंद्रीय मंत्री ने भी कहा था कि स्टूडेंट हिन्दू-मुस्लिम नहीं बल्कि भारत माता के बच्चे बनकर पढ़ने जाएं लेकिन उनके कहने से कुछ फर्क नहीं पड़ा. बात अब हद से आगे बढ़ चुकी है विवाद और ना बढे इसी लिएकर्नाटक के चीफ मिनिस्टर बसवराज एस बोम्मई ने कॉलेज में 3 दिन की छुट्टी कर दी है। मंगलवार को भारी बवाल हुआ था। हिन्दू और मुस्लिम छात्र-छात्राओं ने एक स्टूडेंट की मर्यादा को लांघ कर खुद को कट्टर मुस्लिम और कट्टर हिन्दू साबित करने में जुट गए थे.
कर्नाटक के सीएम ने किया ट्वीट
I appeal to all the students, teachers and management of schools and colleges as well as people of karnataka to maintain peace and harmony. I have ordered closure of all high schools and colleges for next three days. All concerned are requested to cooperate.
— Basavaraj S Bommai (@BSBommai) February 8, 2022
इस मामले में कोर्ट ने क्या कहा
मंगलवार को कर्नाटक हाईकोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी-अपनी दलील पेश की इस दौरान कोर्ट ने ये भी कहा- कानून और संविधान को मानकर फैसला लिया जाएगा भांवनाओं और जूनून को देखकर नहीं।
कोर्ट ने ये भी कहा कि कॉलेज प्रबंधन को अपनी यूनिफार्म तय करने की आज़ादी है, अगर छात्र छूट चाहता है तो वह कॉलेज की समिति से बात कर सकता है। जज ने कहा इस मामले में जो भी निर्णय लिया जाएगा वो इससे जुड़े दूसरे मामलों पर भी लागू होगा।
क्या निर्णय हुआ
हाईकोर्ट ने इस मामले में कुरान मंगवाई और कहा कुरान में महिलाओं के परदे और चेहरा ढकने के लिए कहा गया है। वहीं कॉलेज प्रबंधन का कहना है कि यह हमारे कॉलेज के ड्रेसकोड के खिलाफ है। सारे मामले को जानने के बाद और दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कर्नाटक हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए कहा- की इस मामले में अब अलगे दिन सुनवाई होगी