Kargil Vijay Diwas: क्यों मनाया जाता है कारगिल दिवस? जानिए भारतीय सैनिकों की शौर्य गाथा
Kargil War Between India and Pakistan: कारगिल विजय दिवस (Kargil Vijay Diwas) पूरे भारत देश के लिए महत्वपूर्ण दिवस है, आज से 23 वर्ष पूर्व भारतीय सेना (Indian Army) ने कारगिल के युद्ध में धोकेबाज पाकिस्तान सरकार और पाकिस्तानी सेना (Pakistani Army) को मुहतोड़ जवाब दिया था, 1999 में हुए कारगिल के युद्ध (Kargil War) में भारत की जीत हुई थी अतः भारत के वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने (Indian Army Tribute) व इस दिन को विजय को याद रखने के लिए कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. यह युद्ध 60 दिनों से अधिक तक चला था। भारत ने इसे ऑपरेशन विजय (Operation Vijay) नाम दिया था।
Kargil War Images:
527 भारतीय जवानों ने प्राणों की आहुति दी थी
How many indian soldiers martyred in kargil war: कारगिल युद्ध (Kargil War) में दुश्मन सैनिक कारगिल की पहाड़ियों में थे, और वे ऊंचाई में थे, जिसके कारण भारतीय जाबांज मुसीबतों से साथ पाकिस्तानी सैनिकों और आतंकवादियों से लड़ रही थी. दुश्मन सेना ऊंचाई से हमला कर रही थी, अतः इस युद्ध में भारत के कुल 527 सैनिक शहीद हुए थे। जबकि पाकिस्तान के 350 से 450 सैनिक मारे (How many pakistani soldiers died in kargil war) गए।
पाकिस्तान सरकार ने की थी गद्दारी
Why kargil war happened: दोनों देशों ने फरवरी 1999 में लाहौर में घोषणा पत्र पर हस्ताक्षर किए। जिसमें कश्मीर मुद्दे को द्विपक्षीय वार्ता द्वारा शांतिपूर्ण ढंग से हल करने का वादा किया गया था। लेकिन पाकिस्तान ने अपने सैनिकों और अर्ध-सैनिक बलों को छिपाकर नियंत्रण रेखा के पार भेजने लगा और इस घुसपैठ का नाम "ऑपरेशन बद्र" (Operation Badr) रखा था।
पाकिस्तान ने कारगिल पर हमला क्यों किया था?
Why did Pakistan attack Kargil? इसका मुख्य उद्देश्य कश्मीर और लद्दाख के बीच की कड़ी को तोड़ना और भारतीय सेना को सियाचिन ग्लेशियर से हटाना था। पाकिस्तान यह भी मानता है कि इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के तनाव से कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने में मदद मिलेगी।
भारत सरकार ने चलाया ऑपरेशन विजय
Operation Vijay: चरवाहों के माध्यम से सेना को पाकिस्तान के घुसपैठ की सूचना मिली, पाकिस्तान की हरकत को पहले तो सेना ने केवल घुसपैठ ही माना था, लेकिन सेना को बड़ी साजिश समझते और नियंत्रण रेखा में खोज के बाद रणनीति का पता चल गया. क्योंकि यह हमला बहुत बड़े पैमाने पर किया गया था। इसके बाद भारत ने 'ऑपरेशन विजय' चलाया जिसमें अपने 2 लाख सैनिकों को भेजा। और भारतीय सेना ने इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे कर उन्हें पीछे हटने पर मजबूर कर दिया था, उसके बाद 26 जुलाई (26 July) को आखिरी पोस्ट में कब्ज़ा करने के बाद युद्ध में विजय की घोषणा कर दी थी।
गोले, बम और रॉकेट बौछार
Kargil war view: जानकारी के अनुसार भारत और पकिस्तान के बीच हुए कारगिल संघर्ष के दौरान भारतीय सेना ने तोपखाने से 250,000 से अधिक गोले, बम और रॉकेट दागे थे। कहा जाता है की कारगिल युद्ध के दौरान रोजाना 300से अधिक तोपों के Mortars और MBRL से लगभग 5000 तोपखाने के गोले और रॉकेट दागे जाते थे।
Ankit Pandey | रीवा रियासत
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