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कानपुर हिंसा: एक हज़ार लोगों पर मामला दर्ज, इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन PFI की साजिश के तहत मुसलमानों ने किया बवाल!

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
4 Jun 2022 12:51 PM IST
Updated: 2022-06-04 07:27:10
कानपुर हिंसा: एक हज़ार लोगों पर मामला दर्ज, इस्लामिक कट्टरपंथी संगठन PFI की साजिश के तहत मुसलमानों ने किया बवाल!
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Kanpur Violence Update: शुक्रवार को यूपी के कानपूर में मुसलमानों ने हिंसा शुरू की, पुलिस को अंदेशा है कि इसमें इस्लामिक चरमपंथी-कट्टरपंथी संगठन PFI का हाथ है

कानपुर में क्या हुआ: कानपुर हिंसा के मामले में अबतक 1000 अज्ञात लोगों पर मामला दर्ज हो चूका है, 36 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है और 40 नामजद लोगों के खिलाफ प्रकरण तैयार किया गया है. यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि कोई भी उपद्रवी बचना नहीं चाहिए, हिंसा के बाद देर रात 2 बजे कानपूर पुलिस कमिश्नर और डीएम ने फ्लैगमार्च निकाला और हिंसा के दौरान खींची गई तस्वीरों के आधार पर उत्पातियों को हिरासत में लिया गया


कानपुरहिंसा अपडेट: बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कानपुर बेकनगंज में उपद्रवी मुसलमानों ने बहुत उत्पात मचाया, पत्थरबाज़ी हुई, लाठियां चलीं, आगजनी के प्रयास हुए, यह बवाल जुमे की नमाज के बाद उस वक़्त हुआ जब देश के राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री और कई केंद्रीय मंत्री सहित बड़े इंडस्ट्रियलिस्ट कानपूर में मौजूद थे.

जब बेकनजंग में मुस्लिम समुदाय से जुड़े उपदर्वी तोड़फोड़, लूट और पत्थरबाजी कर रहे थे तभी वहां से 50 किमी दूर परौंख गांव में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, पीएम मोदी, सीएम योगी और यूपी की गवर्नर आनंदी बेन पटेल मौजूद थे.

कानपुर हिंसा का पूरा मामला समझिये

कानपुर में जुमे की जमाज के बाद लोकल मुस्लिम लोग मस्जिदों से निकलते ही चौराहों में एकत्रित हो गए, उनके हाथ में पत्थर, कांच की बोतलें और लाठियां थीं, पुलिस ने पहले ही आदेश जारी कर दिया था कि कोई प्रदर्शन नहीं होगा बावजूद इसके उपदर्वियों ने सोची समझी साजिश के तहत अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया। मिडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कानपूर हिंसा की प्लानिंग कोई एकाएक नहीं बल्कि बीते 9 दिन से तैयार की जा रही थी. मुसलमानों ने पत्थरबाज़ी इसी लिए कि क्योंकि एक महिला बीजेपी प्रवक्ता ने लाइव टीवी डिबेट में पैगंबर मुहम्मद को लेकर विवादित बोल कर दिए थे.


  • 26 मई को बीजेपी प्रवक्ता ने लाइव टीवी डिबेट में पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी की
  • 27 मई को हयात जफर हाशमी ने कानपुर बंद का आह्वान किया
  • 27 मई को कानपुर में नूपुर शर्मा के खिलाफ विवादित पोस्टर लगाए गए और बंद का एलान किया गया
  • 28 मई को हयात ने मुसलमानों को जेल भरो आंदोलन शुरू करने की अपील की
  • 29 मई को मुस्लिम समुदाय ने बंद का समर्थन करने का एलान किया
  • 30 मई को हयात से मुसलमानों के ठेकेदारों से बैठक हुई
  • 1 जून को जेल भरो आंदोलन रद्द हो गया
  • 3 जून को पुलिस की पाबन्दी के बाद भी मुसलमानों की भीड़ ने हिंसा शुरू कर दी

कानपुर में हिंसा क्यों हुई


तीन जून को हयात के एलान के बाद बेकनजंग में सन्नाटा पसरा था, क्योंकि बाजार की ज़्यादातर दुकाने मुसलमानों की थीं तो उन्होंने बंद का समर्थन करते हुए अपनी दुकाने नहीं खोली थीं. लेकिन बाजार में यतीमखाना के पास कुछ हिन्दुओं ने अपनी दुकाने खोल रखी थीं, 2.30 बजे जुमे की नमाज खत्म हुई और मस्जिदों ने मुस्लमान निकलने के पास इकठ्ठा होने लगे, वो जबरन हिन्दुओं की दुकानों को बंद कराने लगे, दुकानदारों ने ऐसा करने से इंकार कर दिया तो मुसलमानों की भीड़ में से कुछ लोगों ने चंद्रेश के हाता में पथराव शुरू कर दिया, यहीं से माहौल बिगड़ा, इसके बाद कुछ उपदर्वियों ने हवाई फायरिंग कर दी.


देखते ही देखते चौराहों में हज़ार से अधिक मुस्लिम उपद्रवी एकत्रित हो गए, अपने साथ कांच की बोलतें, पत्थर और लाठी लिए हुए हिंसा करने लगे, दुकानों को लूटना शुरू कर दिया, तोड़फोड की, आग लगाने की भी कोशिश की गई. मौके पर जब पुलिस पहुंची तो हालत पर काबू पाने के लिए हवाई फायरिंग की, भीड़ ने पुलिस पर भी पत्थरबाज़ी की, 3 घंटे तक हमलावरों को खदेड़ने के बाद हिंसा को नियंत्रित किया जा सका.

मिडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पथराव में 7 लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं, कई लोगों की दुकान में लूट हुई है और तोड़फोड़ हुई है.

कानपुर हिंसा पर योगी आदित्यनाथ ने क्या कहा

कानपुर हिंसा के बाद सीएम योगी ने गोरखपुर मंदिर से VC मीटिंग की और किसी भी उपद्रवी को ना बक्शने के निर्देश दिए, इसके बाद पुलिस ने 1040 उपद्रवियों के खिलाफ 2 FIR दर की जिनमे से 40 नामजद और उनमे से 36 लोगों को पकड़ लिया गया. पुलिस बाकी रह गए 1004 लोगों को पकड़ने में जुटी है.

प्रत्येक उपद्रवी पर गैंगस्टर एक्ट लगेगा

कानपुर हिंसा में शामिल अज्ञात 1000 आरोपियों और नामजद 40 आरोपियों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई हॉगी, और चुन-चुन कर उनके घरों को बुलडोजर से निस्तेनाबूत कर दिया जाएगा।

कानपुर हिंसा के पीछे किसका हाथ है?

मिडिया रिपोर्ट का कहना है कि यूपी पुलिस का मानना है कि कानपुर में हुई हिंसा एक सोची समझी साजिश के तहत हुआ है, जो चरमपंथी-कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन 'पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया' (PFI) है. कानपूर पुलिस कमिश्नर ने मिडिया से बात करते हुए बयान दिया है कि इस हिंसा के पीछे PFI या अन्य कट्टरपंथी संगठन की साजिश को भी खंगाला जा रहा है.

कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड कौन है


कानपूर में हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी फरार हो चुका है, हयात जफर ने मुसलमानों को दंगा करने के लिए सड़क में भेज दिया और खुद को बचाने के लिए भाग निकला। CAA के वक़्त भी इसी ने मुसलमानों की बिल के खिलाफ भड़काने का काम किया था




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