Kailash Mansarovar: Nitin Gadkari ने कहा- कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए नहीं जाना पड़ेगा चीन
Kailash Mansarovar: केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने देश के लोगों से एक बड़ा वादा किया है, उन्होंने कहा है कि अब भगवान शिव की निवास कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए भारतीय तीर्थयात्रियों को ना तो चीन जाना पड़ेगा और ना ही नेपाल के रास्ते से जाना होगा। बल्कि अब सीधा पिथौरागढ़ के रास्ते कैलाश पर्वत तक पंहुचा जा सकेगा।
बता दें कि अभी तक भक्तों को कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने के लिए चीन और नेपाल के रास्ते से होकर जाना पड़ता है। सुनने में यह अजीब लगता है लेकिन यही सच्चाई है. कैलाश पर्वत नेपाल-चीन-भारत के बॉर्डर में मौजूद है, लेकिन इतने महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल के लिए ऐसा कोई रास्ता नहीं था कि भारतीय बिना नेपाल और चीन बॉर्डर क्रॉस किए मानसरोवर की यात्रा कर सकें।
बिना चीन गए कैलाश मानसरोवर कैसे पहुंचे
Connectivity is very important to boost tourism in our country. We have initiated various projects to connect all religious places with quality roads to provide a thrust to religious tourism.: Union Minister Shri @nitin_gadkari ji pic.twitter.com/N0LxJGLuUm
— Office Of Nitin Gadkari (@OfficeOfNG) March 22, 2022
केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी ने लोकसभा में कहा कि- पिथौरगढ़ रुट के जरिये मनसोवर की यात्रा बिना चीन और नेपाल गए पूरी की जा सकती है। इससे निश्चित तौर पर देश को फायदा और चीन-नेपाल को बड़ा झटका लगेगा और यात्रा और भी सुगम हो जाएगी। नितिन गडकरी का कहना है कि पिथौरगढ़ से कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए रुट साल 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। और इस रुट के बनने के बाद मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी अपने साथ वहां लेकर जाऊंगा।
पिथौरगढ़ से कैलाश मानसरोवर
बताया गया हां कि पिथौरगढ़ रुट का काम 85% पूरा हो गया है। साल 2024 में यह पूरा हो जाएगा। अगले लोकसभा चुनाव से पहले इसे हर हाल में कम्प्लीट कर दिया जाएगा ऐसा नितिन गडकरी दावा करते हैं. उत्तराखंड के पिथौरगढ़ से सीधी सड़क कैलाश मानसरोवर तक जाएगी। इससे न सिर्फ समय बचेगा बल्कि कठिन रास्तों से गुजरना नहीं होगा। नितिन गडकरी ने इस बयान ने देश सहित चीन और नेपाल में हड़कंप मचा दिया है.
केंद्र सरकार उत्तराखंड से जुड़ती चीन सीमा से लगी हुई 80 किलोमीटर लंबी सड़क बना रही है। जो पिथौरगढ़ से घटियाबागड़ वाया तावघाट रोड का विस्तार है. जो लिपुलेख के पास जुड़ता है। इस सड़क के बन जाने के बाद लोगों को चीन और नेपाल नहीं जाना पड़ेगा और यात्रा का समय कम हो जाएगा। अभी सिक्किम-चीन या नेपाल के रास्ते से जाने पर 2 से 3 हफ़्तों का समय लगता है।