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ISRO Mission Sun: पहली बार इसरो सूरज में भेजेगा अपना रॉकेट, जून-जुलाई में शुरू होगा मिशन सूर्य

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
28 Jan 2023 6:52 PM IST
Updated: 2023-01-28 13:26:30
ISRO Mission Sun: पहली बार इसरो सूरज में भेजेगा अपना  रॉकेट, जून-जुलाई में शुरू होगा मिशन सूर्य
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ISRO To Launch India's First Mission To The Sun In June-July: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइज़ेशन (ISRO) Aditya L1 Mission लॉन्च करने वाला है

ISRO Aditya L1 Mission: भारतीय खगोल विज्ञान के इतिहास में पहली बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंसांधन संगठन (Indian Space Research Organization) यानी ISRO सूर्य के मिशन पर जाने वाला है. ISRO इसी साल जून-जुलाई के महीने में अपना 'Aditya L1 Mission' शुरू करने वाला है. ISRO के चेयरमैन और सेक्रेटरी डिपार्टमेंट ऑफ़ स्पेस एस.सोमनाथ (S. Somanath) ने इसकी जानकारी दी है.

एस सोमनाथ ने ये बात होसकोटे में हुए VELC के कार्यक्रम में कही. उन्होंने बताया कि 'Aditya L1 Mission' इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (IIA) द्वारा विकसित प्राथमिक पेलोड है. "वर्तमान में, हम (आदित्य एल1) उपग्रह तैयार कर रहे हैं। पेलोड यू आर राव उपग्रह केंद्र (U R Rao Satellite Centre) तक पहुंच जाएगा और उपग्रह के साथ एकीकृत हो जाएगा। यह व्यापक परीक्षण और मूल्यांकन से गुजरेगा और जून तक PLSEV पर लॉन्च किया जाएगा।

इसरो का मिशन आदित्य एल1

ISRO's mission Aditya L1: नासा (NASA) के अनुसार इस उपग्रह में सात पेलोड होंगे और इसे L1 कक्षा में भेजा जाएगा - सूर्य-पृथ्वी प्रणाली का पहला लैग्रेंजियन बिंदु (Lagrangian point) है. ऐसे बिंदुओं पर, अंतरिक्ष में भेजी गई वस्तुएँ स्थिर रहती हैं और स्थिति में बने रहने के लिए कम ईंधन की खपत करती हैं.

L1 ऑर्बिट पृथ्वी से लगभग 1.5 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. अंतरिक्ष में ISRO द्वारा भेजे गए और उपग्रह Aditya L1 को लगातार सूर्य का दृश्य दिखाई देगा। विजिबल लाइन एमिशन कोरोनाग्राफ VELC) को मिशन के लिए होसकोटे में IIA के सेंटर फॉर रिसर्च एंड एजुकेशन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी कैंपस (Center for Research and Education in Science and Technology) में विकसित किया गया था। इस प्रोजेक्ट पर ISRO बीते 15 साल से काम कर रहा है और आदित्य एल1 काफी हल्का सेटेलाइट/उपग्रह है जिसका वजन सिर्फ 90 किलो है। VELC सूर्य के वातावरण, कोरोना के निरंतर अवलोकन को सक्षम करेगा। सूर्य की सतह से तेज रोशनी के कारण सूर्य के निचले कोरोना का अवलोकन आसान नहीं है। इसे आसान बनाने के लिए,VELC एक "आंतरिक गुप्तचर" (internal occulter) के साथ आता है जो प्रकाश को अलग करता है, इसे हटाता है, और फिर प्रसंस्करण के लिए बचे हुए प्रकाश को भेजता है।

ISRO इस मिशन से यह पता लगाएगा कि- सूर्य का वातावरण इतना गर्म क्यों है जबकि इसकी सतह इतनी गर्म नहीं है। वीईएलसी अध्ययन करेगा कि किन प्रक्रियाओं से कोरोना का ताप बढ़ता है।

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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