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ISRO का सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D2 कामियाब, अंतरिक्ष में तीन सेटेलाइट्स लॉन्च हुई

ISRO का सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D2 कामियाब, अंतरिक्ष में तीन सेटेलाइट्स लॉन्च हुई
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ISRO's smallest rocket SSLV-D2 launch successful: इसरो सबसे छोटे रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने पर कामियाब रहा है

ISRO SSLV-D2 Launch Successful: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपना सबसे छोटा रॉकेट SSLV-D2 लॉन्च कर दिया है। Small Satellite Launching Vehicle यानी SSLV की लॉन्चिंग शुक्रवार सुबह 9:18 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन लॉन्चिंग सेंटर से हुई. SSLV-D2 ने 15 मिनट तक उड़ान भरी और इस दौरान रॉकेट ने तीन सेटेलाइट्स लॉन्च कर दी.

दरअसल यह ISRO की दूसरी कोशिश थी, इससे पहले 9 अगस्त 2022 को ISRO ने पहले SSLV भेजा था जो नाकामियाब रहा था. मगर 10 फरवरी 2023 को इसरो अपने मिशन में सफल रहा.

450 किमी दूर तक गया

SSLV-D2 ने जो 3 सैटेलाइट्स लॉन्च किए, उनमें अमेरिका जानूस-1 (America Janus-1) चेन्नई के स्पेस स्टार्ट अप का आजादी सैट-2 (Azadi SAT-2) और इसरो का EOS-7 (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) शामिल है। SSLV-D2 पृथ्वी की लोअर ऑर्बिट में 15 मिनट तक उड़ान भरी, इसके बाद सैटेलाइट्स को 450 किलोमीटर दूर ऑर्बिट में छोड़ दिए हैं।

इसरो चीफ ने दी बधाई

ISRO चीफ सोमनाथ ने SSLV-D2 की सफल लांच के बाद कहा- "अब हमारे पास एक नया लॉन्च व्हीकल है। SSLV-D2 ने दूसरी कोशिश में सैटेलाइट्स को एकदम सही तरह से ऑर्बिट में छोड़ दिया है। तीनों सैटेलाइट टीमों को बधाई।"

क्या है SSLV

SSLV का मतलब Small Satellite Launching Vehicle होता है. SSLV 10 से 500 किलोग्राम के ऑब्जेक्ट को 500 किलोमीटर दूर प्लैनर ऑर्बिट में ले जा सकता है। यह किफायती है, क्योंकि सेटेलाइट्स भेजने जैसे छोटे कामों बड़े रॉकेट का इस्तेमाल होता रहा है जो काफी खर्चीला है.

SSLV-D2 की सफलता के बाद ISRO और निजी स्पेस कंपनियों के लिए नए रास्ते खुल गए हैं. अब दूसरे देश अपनी सेटेलाइट्स अंतरिक्ष में भेजने के लिए भारत पर भरोसा जता सकते हैं.

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत

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