क्या राम सेतु फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है? कांग्रेस सरकार श्री राम को काल्पनिक बता कर राम सेतु को RDX से उड़ाने वाली थी
Is Ram Setu Film Based On Real Story: क्या राम सेतु फिल्म सच्ची घटना पर आधारित है? क्या राम सेतु मूवी असली कहानी पर बेस्ड है? क्या राम सेतु फिल्म की कहानी सच है? यह सवाल हर उस व्यक्ति के मन में उठ रहा है जो फिल्म देखकर लौटा है और अब सच्चाई जानना चाहता है. जिस तरह लोगों ने कश्मीर फाइल्स फिल्म देख कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की असली घटना जानी ठीक वैसे ही राम सेतु देखने के बाद कांग्रेस सरकार और इस पार्टी के नेताओं की असलियत सामने आ गई है.
क्या राम सेतु फिल्म असली घटना पर आधारित है
Is Ram Setu movie based on real incident: फिल्म को मेकर्स ने फिक्शन कहा है, लेकिन श्री राम को काल्पनिक कहकर उनका अपमान करना, हिन्दुओं से बाबरी मस्जिद का बदला लेने की सोच रखना, और राम सेतु को RDX लगाकर उड़ा देने की याचिका लगाने की घटना 100% सही है.
क्या कांग्रेस ने राम सेतु को तोड़ने की याचिका लगाई थी
Did Congress petition to break Ram Setu: बात है सन 2007 की, जब मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे, कांग्रेस ने राम सेतु को RDX से उड़ाने के लिए पूरा प्लान सेट कर लिया था. राम सेतु को बचाने वाले बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा था कि- राम सेतु को तोड़ने की योजना के पीछे दो लोग थे सोनिया गांधी और करूणानिधि।
''करूणानिधि ने मुसलमानों से कहा था, जिस तरफ हिन्दुओं ने तुम्हारी बाबरी मस्जिद तोड़ी है वैसे ही मैं राम सेतु तोडूंगा''
स्वामी ने कहा था, सोनिया गांधी ईसाई है जो हमेशा से हिन्दू आस्था से जुडी चीज़ों को नष्ट करना चाहती है, करूणानिधि को तो श्री राम से ही नफरत है, जो हमेशा श्री राम और हिन्दुओं का परिहास करता है. राम सेतु को तोड़ने की योजना 1857 से ही बन रही थी लेकिन हर बार विफल हुई और आगे भी होती रहेगी।
करूणानिधि और राम सेतु की काहनी
मुत्तुवेल करूणानिधि (M. Karunanidhi) तमिलनाडु के सीएम थे, वह नास्तिक थे लेकिन हिन्दू और हिन्दुओं के देवताओं से नफरत करते थे, फिर भी तमिलनाडु की जनता ने उन्हें 5 बार मुख्यमंत्री बनाया। करूणानिधि हमेशा हिन्दुओं और श्री राम के खिलाफ थे.
एक टीवी चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा था "क्या राम इंजीनियर थे जो उन्होंने पुल बनाया था. राम नाम के किसी व्यक्ति का अस्तित्व नहीं है" करुणानिधि ने राम को मिथक करार दिया था और कहा था कि इतिहास में राम का कोई अस्तित्व नहीं है.
ये सब बयानबाज़ी इसी लिए हो रही थी क्योंकि कांग्रेस सरकार और मुत्तुवेल करूणानिधि 'सेतुसमुद्रम परियोजना' के लिए राम सेतु को तोडना चाहते थे.
सेतुसमुद्रम परियोजना क्या है
What is Sethusamudram Project: सेतुसमुद्रम परियोजना कांग्रेस की थी, जिसमे 83 किमी गहरे पानी के चैनल का निर्माण करके भारत और श्रीलंका के बीच शिपमार्ग बनाना था. ताकि दोनों देशों के बीच का समुद्री रास्ता कम हो जाए. इसके लिए कांग्रेस ने राम सेतु को RDX से उड़ा देने के पूरे इंतज़ाम कर लिए थे. कांग्रेस ने सेतुसमुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु के चारों तरफ ड्रेजिंग करने का प्रस्ताव भी पेश कर दिया था. लेकिन जब विपक्षी बीजेपी पार्टी इस मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट गई तो कांग्रेस और करूणानिधि ने श्री राम को ही काल्पनिक बता दिया था.
सेतुसमुद्रम परियोजना ना सिर्फ हिन्दुओं की आस्था को चोट पहुंचाने के लिए शुरू की गई थी बल्कि पर्यावरण के लिए भी यह घातक थी. इससे हिन्द महासागर के बड़े हिस्से की मरीन लाइफ तबाह हो जाती, और भारत में सुनामी का खतरा बढ़ जाता।
सुब्रमण्यम स्वामी और राम सेतु की कहानी
सुब्रमण्यम स्वामी नहीं होते तो सोनिया गांधी और करूणानिधि इसे तोड़ चुके होते, जब सेतुसमुद्रम परियोजना आई तो सबसे पहले सुब्रमण्यम स्वामी ही सुप्रीम कोर्ट गए और इसका विरोध किया।
कांग्रेस द्वारा राम सेतु तोड़ने के फैसले के खिलाफ धर्माचार्यों ने पहले भी प्रयास किया था। चार शंकराचार्यों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। लेकिन उनकी याचिका न सिर्फ निरस्त कर दी गई बल्कि सुप्रीम कोर्ट ने धर्मगुरुओं की निंदा भी की, तब विश्व हिंदू परिषद के अध्यक्ष अशोक सिंघल ने सुब्रमण्यम स्वामी को यह मसला उठाने के लिए कहा था.
असल में राम सेतु को बचाने वाली बीजेपी भी नहीं है, सिर्फ एक इंसान है 'सुब्रमण्यम स्वामी' क्योंकि प्रोजेक्ट अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में 2004 में शुरू किया गया था और इसके लिए 3500 करोड़ का बजट बनाया गया था, बाद में मनमोहन सिंह ने प्रोजेक्ट का उद्घाटन 2005 में किया था. हालांकि कांग्रेस की मंशा राम सेतु को तोड़ने की थी.
मार्च 2018 में बीजेपी ने सेतुसमुद्रम शिपिंग नहर परियोजना के बारे में कोर्ट को बताया था कि इससे राम सेतु पर असर नहीं होगा, लेकिन सुब्रमण्यम स्वामी ने यहां भी अपनी सरकार के खिलाफ जाकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी कि 'बीजेपी से कहा जाए वह राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करे, यह याचिका अबतक सुप्रीम कोर्ट में है.