भारतीय मूल की वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स फिर से अंतरिक्ष मिशन पर जा रहीं!
Indian-origin scientist Sunita Williams is going on a space mission again: भारतीय मूल की अंतरिक्ष वैज्ञानिक सुनीता विलियम्स (Sunita Williams) एक बार फिर से स्पेस मिशन में जा रही हैं. विमान बनाने वाली कंपनी Boeing ने स्पेस स्टेशन बनाने और उसे अंतरिक्ष में भजने का मिशन शुरू किया है. इसी मिशन के लिए Boeing ने NASA से मदद मांगी है. NASA ने इसके लिए अपने दो सीनियर वैज्ञानिक बुच विल्मोर और भारतीय मूल की सुनीता विलियम्स को चुना है।
अपने आप में यह पहला मिशन
वैसे तो अबतक कई बार अंतरिक्ष यानों से इंसानों को स्पेस में भेजा गया है. मगर Boeing Starline Calipso इंसान को लेकर जाने वाला यह अपने आप में पहला मिशन है. बताया गया है कि ये मिशन जुलाई 2022 में होना था मगर कोरोना की परिस्थियों को देखते हुए इसे टाल दिया गया था. अब अप्रैल के मध्य में बोइंग स्टारलाइनर कैलिप्सो नाम का छोटा यान दो अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर अंतरिक्ष में उड़ान भरेगा। दोनों यात्री दो हफ्ते तक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) में रहेंगे। इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
सुनीता विलियम्स का यह तीसरा अंतरिक्ष मिशन है
सुनीता विलयम्स अंतिरक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं और सुरक्षित वापस लौटने वाली पहली भारतीय मूल की वैज्ञानिक हैं. NASA ने उन्हें पहला मिशन 1998 में दिया था जिसमे नीता ने मास्को में रूसी अंतरिक्ष एजेंसी के साथ अंतरिक्ष स्टेशन पर पहले मिशन दल के साथ काम किया। सुनीता अबतक दो बार अंतरिक्ष की सैर कर चुकी हैं. अब, भारतीय-अमेरिकी सुनीता विलियम्स बोइंग स्टारलाइनर कैप्सूल में अपनी पहली उड़ान भरेंगी। जो उनका अंतरिक्ष में तीसरा दौरा होगा।
बता दें कि सुनीता विलियम्स गुजरात के अहमदाबाद से नाता रखती हैं. वे NASA की तरफ से अंतरिक्ष जाने वालीं दूसरी भारतीय मूल की महिला हैं. सुनीता ने 50 घंटे 40 मिनट 7 स्पेसवर्क करने वाली पहली महिला एस्ट्रोनॉट हैं. वह अलग-अलग मिशन में 321 दिन 17 घंटे और 15 मिनट तक अंतरिक्ष में रही हैं. 2008 में उन्हें भारत सरकार ने पद्मभूषण और 2013 में गुजरात यूनिवर्सिटी ने उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि दी थी.