देश के करोड़ो किसानो को लिए जरूरी खबर! MODI सरकार ने UREA को लेकर जारी किया Latest Update
यूरिया नामक खाद किसानी के लिए बहुत उपयोगी है। बिना यूरिया पौधों की ग्रोथ नहीं होती। हालत तो यह है कि बिना यूरिया गेहूं, धान, जौ, मक्का, गन्ना तथा मूंग की फसल तैयार करना मुश्किल हो सकता है। लेकिन लगातार यूरिया के उपयोग से खेतों की उर्वरा शक्ति घट रही है। वहीं लगातार और ज्यादा मात्रा में यूरिया का उपयोग मानव जीवन के लिए भी खतरनाक साबित हो रहा है। ऐसे में सरकारी यूरिया का उपयोग धीरे-धीरे कम हो ऐसा प्रयास किया जा रहा है.
केंद्र सरकार कर रही विचार
केंद्र सरकार यूरिया का उपयोग सीमित करने की दिशा में प्रयासरत है। सरकार का प्रयास है कि धीरे धीरे कर यूरिया का उपयोग किसान बंद कर दें। इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा देश के सभी राज्यों को पत्र लिखकर यूरिया का उपयोग कम करने के निर्देश दिए जा रहे है.
सरकार दे रही विकल्प
जब यूरिया के बिना खेती करना किसानों के लिए असंभव है तो किसान बिना यूरिया कैसे खेती करेंगे। इस पर भी सरकार ने विचार कर रही है। सरकार का प्रयास है कि 46 प्रतिशत नाइट्रोजन की मात्रा वाली यूरिया का उपयोग करने के बजाय किसान नैनो यूरिया का प्रयोग करें।
बताया गया है कि इफको कंपनी द्वारा नैनो यूरिया लांच की गई है। नैनो यूरिया इफको कंपनी का पेटेंट प्रोडक्ट है। इसमें भी नाइट्रोजन की मात्रा पाई जाती है। सरकार का प्रयास है कि किसान 46 प्रतिशत नाइट्रोजन का उपयोग करने के बजाय नैनो यूरिया का उपयोग करें।
किसान होंगे परेशान
अगर केंद्र सरकार यूरिया का उपयोग बंद करती है? या सीमित करती है तो किसान परेशान हो जाएंगे। हालत यह होगी कि किसान यूरिया के एक-एक दाने के लिए तरस जाएंगे। नैनो यूरिया का उपयोग अभी प्रचलन में नहीं है। किसान सीधे तौर पर यूरिया का उपयोग कर रहे हैं और यह किसानों को सरल भी है। जबकि नैनो यूरिया का उपयोग किसानों को महंगा पड़ेगा। नैनो यूरिया का छिड़काव स्प्रे के माध्यम से किया जाता है। जिसमें लेबर कास्ट ज्यादा आएगा।