शिवलिंग पर भद्दे कॉमेंट हो तो सही और पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्पणी हो तो गलत! यह कैसा सेक्युलिरिजम?
भारत में सेक्युलिरिजम की हकीकत: उत्तर प्रदेश के कानपुर में मुसलमानों ने बवाल काटा है, कानपूर के बेकनगंज इलाके में नवाज के बाद हिंसा हुई है, इस हिंसा का कारण यह है कि लोगों ने मुसलमानों के कहने पर अपनी दुकानें बंद नहीं की, दुकाने इस लिए बंद करनी थी क्योंकि किसी महिला ने लाइव टीवी शो में पैगम्बर मुहम्मद पर अशोभनीय टिप्पणी कर दी थी.
कानपूर में जुमे की नमाज के दौरान मस्जिदों से एलान किया गया कि वो मुहम्मद के बारे में गलत टिप्पणी बर्दाश्त नहीं करेंगे और जिसने ऐसा किया है उसके खिलाफ प्रदर्शन होगा, पुलिस ने पहले ही नवाज के बाद किसी भी प्रकार के प्रदर्शन पर रोक लगा दी थी, फिर भी वहां के लोग नहीं माने और सड़कों में निकलकर चौराहों में इकठ्ठा हो गए और लोगों से उनकी दुकाने बंद करवाने लगे. इसी बात को लेकर भसड़ मच गई, एक तरफ हिन्दू आकर खड़े हो गए तो दूसरी तरफ मुसलमान पत्थर लेके खड़े थे. यहीं से पथराव, हिंसा, मारपीट का सिलसिला शुरू हो गया. पुलिस ने इस घटना में अबतक 18 लोगों को पकड़ा है.
शिवलिंग पर कमेंट मजाक लेकिन मुहम्मद की बेज्जती बर्दाश्त नहीं होती
बीजेपी प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी चैनल में इस्लाम की नींव रखने वाले पैगम्बर मुहम्मद पर टिप्प्णी कर दी थी, जिसके बाद खुद को इस्लाम का ठेकेदार बताने वाले नूपुर शर्मा के पीछे पड़ गए, किसी ने जान से मारने की धमकी दी, तो किसी ने रेप करने की, नूपुर के खिलाफ फतवा जारी हो गया, खुलेआम सुपारी दी जाने लगी
नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मुहम्मद को लेकर क्या कहा था
ये हम इस प्लेटफार्म में नहीं बता सकतें क्या पता कल कोई जिहादी हमारे ऊपर बम फोड़ के चला जाए,, नूपुर ने जो भी कहा उससे मुसलमानों को बुरा लगा, खैर किसी के मजहब पर टिप्प्णी होगी तो मजहबी लोगों को बुरा लगेगा, लेकिन जब कोई हिन्दू देवी देवताओं के बारे में उटपटांग बयानबाज़ी करता है तो वही लोग जो मुहम्मद की बेज्जती पर सिर काटने की बात करते हैं वो ठहाके क्यों मारते हैं?
शिवलिंग पर भद्दे कमेंट पर क्यों हंसी आती है
जिस टीवी डिबेट में नूपुर शर्मा ने पैगम्बर मुहम्मद पर कॉमेंट किया था, उस बयान के पहले मुस्लिम स्कॉलर ने उसी टीवी डिबेट के दौरान शिवलिंग का मजाक बनाया था. इसी लिए नूपुर शर्मा भड़क गईं थीं और उन्होंने पैगम्बर को लेकर विवादित बात कह दी थी.
- ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग को लेकर AIMIM के नेता दानिश कुरैशी ने अपनी घटिया मजहबी तालीम से भरी हुई सोच जाहिर की थी, उसने शिवलिंग को लेकर ऐसा कुछ कहा था जो हम आपको नहीं बता सकते, इसके बाद लोगों ने कानून का सहारा लिया और FIR की जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया, हिन्दुओं ने कहीं जाकर पत्थरबाजी नहीं की
- DU के प्रोफेसर रतन लाल ने भी शिवलिंग पर भद्दे कमेंट किए थे, जिसकी भी FIR हुई और बाद में कोर्ट ने उसे बरी कर दिया, हिन्दुओं ने यहां भी कानूनी रास्ता अपनाया
- भगौड़े जाकिर नाईक के कई वीडियो में हिन्दू देवी देवताओं का अपमान किया जाता है, जिसे देखने वाले ठहाके मारकर हँसते हैं
ऐसे कई वीडियो और पोस्ट मिल जायेंगे जहां हिन्दू देवी देवताओं का अपमान किया जाता है, लेकिन लोग उसे मजाक समझते हैं और जब कोई प्रॉफिट मुहम्मद पर कुछ कह देता है तो "गुस्ताख-ए-नबी की इक सजा, सर तन से जुदा, सर तन से जुदा" यह कैसा सेक्युलिरिजम है?