एक ही घर में IAS और IPS अफसर, जानिए कैसे किया सपना पूरा
प्रतिभा किसी की मोहताज नहीं है। न वह परिस्थितियों की गुलाम है और ना ही पैसों की बाधा उसका रास्ता रोक सकती है। प्रतिभा तो सिर्फ प्रतिभा होती है। मतलब एक बार करने की ठान ली जाए तो जब तक वह कार्य पूर्ण न हो तब तक उस कार्य में लगे रहना है। जीवन में ऐसे लोगों को अवश्य ही सफलता प्राप्त होती है जो अपने कार्य को पूरी लगन के साथ पूरा करते हैं। उदाहरण स्वरूप उत्तर प्रदेश में एक ऐसा घर है जिसमें एक नहीं 3 आईएएस और एक आईपीएस अफसर है। आइए जाने इन अफसरों के संघर्ष की पूरी गाथा।
एक घर में 1 IAS और 3 IPS
समाचार के माध्यम से आज हम इन्हीं खूबियों से भरे एक ऐसे परिवार से आपकी मुलाकात करवाने जा रहे हैं जिनके लिए यह कहना गलत नहीं होगा कि यह तो आईएएस और आईपीएस अफसरों के फौज का घर है। एक घर में 3 आईएएस और 1 आईपीएस होना अपने आप में 9वें अजूबे से कम नहीं है। आमतौर पर इस तरह देखने को नहीं मिलता। दूर-दूर क्या अपने आसपास के कई जिलों में इस तरह की प्रतिभा देखने को नहीं मिलती।
ईश्वर की कृपा मानते हैं अनिल मिश्रा
निश्चित तौर पर इन आईएएस और आईपीएस बच्चों के पिता अनिल मिश्रा का कहना है कि उन पर ईश्वर की कृपा है। क्योंकि अवश्य ही ईश्वर की कृपा होने पर ऐसा ही होता है। उनकी इसी कृपा की बदौलत आज उनकी चार औलादे हैं और चारों ही बड़े प्रशासनिक अफसर हैं। चारों बच्चों ने अपने पिता का सपना पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत की और तीन आईएएस और एक आईपीएस अफसर बनकर आज देश और समाज की सेवा कर रहे हैं।
लालगंज निवासी मिश्रा परिवार
हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के लालगंज में रहने वाले एक मिश्रा परिवार के संबंध में। इस मिश्रा परिवार के मुखिया का नाम अनिल मिश्रा है। जिन्होंने अपनी प्रेरणा और कठिन संघर्ष के बाद अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलाने के साथ ही उन्हें प्रेरित कर आईएएस और आईपीएस अफसर बना दिए। श्री मिश्रा के दो बेटे और दो बेटियां हैं। इस तरह दोनों बेटे और बेटी आज आईएएस और आईपीएस अफसर बन चुके हैं। बड़े बेटे का नाम योगेश मिश्रा, छोटे बेटे का नाम लोकेश मिश्रा तथा बेटियों में क्षमा और माधवी हैं।
संघर्ष भरा रहा जीवन
बात अगर इन चारों आईएएस आईपीएस अफसरों के पिता अनिल मिश्रा की करें तो इन्होंने अपने बच्चों को पालने और उच्च शिक्षा देने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। लगातार बच्चों को पढ़ने और कुछ बनने के लिए प्रेरित करते रहे। वाह एक ग्रामीण बैंक में प्रबंधक के रूप में काम कर रहे थे। मध्यम वर्गीय मिश्रा जी का परिवार बड़े ही सीमित संसाधनों में बड़े ही लगन के साथ चुका रहा और वह कर दिखाया जो लाखों नहीं करोड़ों परिवार के बीच में इतनी अनूठी प्रतिभा मानी जाती है। छोटे-छोटे दो कमरों के घर में मिश्रा जी अपने परिवार के साथ जीवन निर्वाह करते। और उन्हें कमरों में रहते हुए बच्चों ने पढ़ाई की और आज बड़े अफसर बनकर पिता के मस्तक को गर्व से ऊंचा कर दिए हैं।
कहां है किसकी पदस्थापना बताते हैं आईएएस योगेश
जानकारी के अनुसार बड़े बेटे योगेश मिश्रा वर्तमान समय में यूपी के शाहजहांपुर के आयुध कारखाने में प्रशासनिक अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे हैं।
आईएएस योगेश मिश्रा बताते हैं कि आज उनके भाई और बहन भी बड़े अफसर है। यह बड़े ही गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा लालगंज में हुई। वर्ष 2014 में यूपीएससी की परीक्षा पास करने के बाद पहली जॉइनिंग कोलकाता में हुई। इसके बाद उन्हें अपने ही ग्रह राज्य उत्तर प्रदेश में अमेठी और बाद में मुंबई और बाद में यूपी के शाहजहांपुर में मिली।
योगेश मिश्रा बताते हैं कि उन्हें अपने पिता से प्रेरणा तो मिलती ही थी इसी प्रेरणा से प्रभावित होकर उन्होंने एक बार राखी के त्यौहार में जब सभी भाई-बहन इकट्ठे हुए तो आपस में सभी ने तय किया कि वह परिश्रम कर पिताजी का सपना पूरा करने सभी लोग यूपीएससी की परीक्षा पास करेंगे। रक्षाबंधन के दिन भाई बहन एक दूसरे को इस वादे के साथ अपनी पढ़ाई में जुट गए और आज हकीकत दुनिया के सामने है।
आईएएस योगेश मिश्रा का कहना है कि उन्होंने इलाहाबाद से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की परीक्षा पास की। इसके पश्चात सिविल सेवा की तैयारी में जुट गए। करना तो वह आईआईटी से इंजीनियरिंग चाहते थे लेकिन रैंक कमाने की वजह से एमएनएनआईटी इलाहाबाद से कंप्यूटर इंजीनियरिंग की शिक्षा पूरी की। इसके पश्चात हुआ सिविल सेवा की तैयारी में जुटे और आज आईएएस अफसर बन चुके हैं।
आईएएस लोकेश मिश्रा
सबसे छोटा बेटा लोकेश मिश्रा वर्ष 2016 बैच के आईएएस अफसर है। वह झारखंड कैडर के अधिकारी हैं।वर्तमान समय में झारखंड के कोडरमा के उप विकास आयुक्त है। इसके पूर्व वाह रांची सदर के एसडीएम के रूप में कार्यरत थे।
छोटे बेटे लोकेश मिश्रा पूर्व से ही बड़े होनहार थे। पिता को देखकर वह अक्सर बड़े अफसरों के बारे में चर्चा किया करते थे। जिस पर उनके पिता अनिल मिश्रा उन्हें लगातार को साहित्य करते थे। प्रारंभिक शिक्षा पूर्ण होने के बाद लोकेश मिश्रा ने देश के प्रसिद्ध आईआईटी संस्थान में प्रवेश लेकर पढ़ाई पूरी की।
पढ़ाई पूरी करने के बाद लोकेश मिश्रा अपने बड़े भाई के साथ नौकरी करने लगे। लेकिन वह उससे संतुष्ट नहीं थे और उन्होंने ज्यादा दिन तक नौकरी नहीं की वहां सीधे अपने काम में जुट गए और यूपीएससी की परीक्षा पास करने जी तोड़ मेहनत करने लगे।
आईपीएस क्षमा
वहीं बेटी क्षमा आईपीएस अफसर है। वर्तमान समय में कर्नाटक के कोडागु जिले में पुलिस अधीक्षक के पद पर हैं। 2016 बैच की आईपीएस अफसर क्षमा मिश्रा वर्तमान समय में मड़ीकेरी कर्नाटक में है। इनका लगाओ हिंदी विषय से होने की वजह से सब्जेक्ट के साथ ही साहित्य का विज्ञान है। घर के सभी लोगों को यूपीएससी की तैयारी करके देख इन्होंने कड़ी मेहनत की और आईपीएस अफसर बन गई।
आईएएस माधवी
वहीं दूसरी बेटी माधवी वर्तमान समय में हजारीबाग नगर निगम में कमिश्नर थीं। वर्तमान समय में रामगढ़ जिले की उपायुक्त हैं। वर्ष 2015 बैच की आईएएस अधिकारी हैं। वह झारखंड कैडर की अफसर है। वर्तमान समय में झारखंड के रामगढ़ में है। यह लिखने की कला में बेहद माहिर बताई गई है। इंडियन इकॉनमी के बारे में इनको सूक्ष्म से सूक्ष्म ज्ञान है।
बड़े भाई ने बढ़ाया मनोबल
एक ओर भाई जहां इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी कर नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी में जुटे हुए थे। वहीं दोनों बहने क्षमा और माधवी ग्रेजुएशन के बाद ही सीधे सिविल सेवा की तैयारी में जुट गई थी। काफी प्रयास के बाद भी जब बहनों को सफलता नहीं मिल रही थी ऐसे में भाई-बहनों में सबसे बड़े मिश्रा ने स्वयं कठोर मेहनत करते हुए यूपीएससी की परीक्षा निकाली।