Highway Toll Method Changed: बड़ा ऐलान! हाईवे पर टोल लेने का तरीका बदला
Highway Toll Method Changed
Highway Par Toll Lene Ka Tarika Badla: देश में सड़कों की स्थिति भले ही सुधर रही हो लेकिन जैसे ही वाहन चालक गाड़ी लेकर सड़क पर निकलते हैं उन्हें टोल का भय सताने लगता है। टोल में लगने वाली लंबी कतार लोगों को सबसे अधिक परेशान करती है। फास्ट टैग हो जाने के बाद भी कई बार लोगों को टोल प्लाजा में लंबा इंतजार करना पड़ता है। इन्हीं समस्याओं को दे बताया किखते हुए हाईवे पर लोन लेने का तरीका सरकार बदलने जा रही है। यह नियम लागू होते ही वाहन चालकों की मौज हो जाएगी। सरकार बेरियर रहित टोल कलेक्शन सिस्टम शुरू करने की योजना पर काम कर रही है।इस स्कीम के आ जाने पर वाहन चालकों को टोल बूथ पर आधा मिनट के लिए भी नहीं रुकना पड़ेगा।
जल्द होगा लागू Barrier-less toll system
बेरियर रहित टोल कलेक्शन सिस्टम पर जानकारी देते हुए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी के सिंह ने बताया कि बहुत जल्दी इस प्रणाली को अमल में लाया जाएगा। सिस्टम में किसी भी तरह की त्रुटि न हो जिससे कि लोगों को परेशानी का सामना करना पड़े। इस बात को ध्यान में रखते हुए बेरियर रहित टोल कलेक्शन सिस्टम का बारीकी के साथ परीक्षण किया जा रहा है। बहुत जल्दी यह सिस्टम लागू कर दिया जाएगा। जिससे वाहन चालकों को पता भी नहीं चलेगा और सरलता के साथ टोल का भुगतान हो जाएगा।
जितना सफर उतना टोल toll tax on highway
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री वी के सिंह ने बताया कि बेरियर रहित टोल कलेक्शन सिस्टम एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें वाहन चालक सड़क में जितनी दूरी तय करेंगे इतने का ही टोल का भुगतान करना पड़ेगा। यह सिस्टम लोगों को टोल के जाम से बचाएगा ही साथ में बचत भी होगा।
यहां चल रही टेस्टिंग fastag toll collection
जानकारी के अनुसार इसके लिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर बेरियर रहित टोल कलेक्शन सिस्टम का परीक्षण किया जा रहा है। बता दें कि इस प्रक्रिया में सैटेलाइट और कैमरा आधारित प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
बेरियर रहित टोल कलेक्शन सिस्टम के सम्बंध में बताया गया है कि जैसे ही वाहन चालक अपने वाहन के साथ किसी राजमार्ग पर प्रवेश करेगें उस समय वाहन पर लगा नम्बर प्लेट से वहां लगा कैमरा वाहन नम्बर को स्कैन करेगा। उसके आधार पर यह पता लगाया जा सकता है कि टोल बूथ तक पहुंचने के लिए आपने कितने किलोमीटर लंबा सफर तय किया है।
बताया गया है कि इस सिस्टम के माध्यम से वह आपके खाते से उतना ही पैसा काटेगा जितने किलोमीटर का अपने सफर तय किया है। यह भुगतान टोल के नियमों पर आधार पर होगा। इस प्रकिया को सफल बनाने में दूरसंचार नेटवर्क में सुधार होना सबसे महत्वपूर्ण है।