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Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? क्यों खास हैं इस साल की गुरु पूर्णिमा, जानें महत्त्व और महिमा

Ankit Pandey | रीवा रियासत
13 July 2022 5:00 AM IST
Updated: 2022-07-12 23:30:24
Guru Purnima 2022: गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है? क्यों खास हैं इस साल की गुरु पूर्णिमा, जानें महत्त्व और महिमा
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Guru Purnima 2022: गुरु के ज्ञान से ईश्वर के दर्शन तक संभव हैं इसलिए उन्हें परमेश्वर से भी बढ़कर बताया गया है।

Why is guru purnima celebrated: गुरू ब्रह्मा गुरू विष्णु, गुरु देवो महेश्वरा गुरु साक्षात परब्रह्म, तस्मै श्री गुरुवे नमः

अर्थात गुरु ही ब्रम्हा है, गुरु ही विष्णु है तथा गुरु ही महेश हैं। गुरु साक्षात परब्रम्ह हैं, ऐसे गुरु को मै प्रणाम करता हूँ। किसी भी इंसान की माँ पहली गुरु होती है यहाँ तक की जानवरों और पशु पक्षियों में भी जो की हमें सांसारिक मूल्यों को प्रदान करती हैं। लेकिन माँ के बाद की शिक्षा-दीक्षा एक गुरु ही करता है जो की जीवन के लिए अतिमहत्वपूर्ण हैं गुरु ही है जो जीवन के भवसागर को पार लगाने वाली शिक्षा दे सकता है, यहाँ तक की गुरु के ज्ञान से ईश्वर के दर्शन तक संभव हैं। शायद तभी मानव ने क्रमिक विकास किया क्यूंकि माँ के अलावा भी उसके पास गुरु थे, जो की अन्य जीवों के पास न थे। हिन्दू धर्म में गुरु के महिमा का वर्णन ईश्वर से भी बढ़ चढ़कर किया गया है. और गुरु की याद में यह दिन भी मनाया जाता है जिसे हम गुरु पूर्णिमा कहते हैं. गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) आसाढ़ या जून- जुलाई के महीने में पूर्णिमा के दिन पड़ती है, जिसे मनाने का कारण जानेंगे कि गुरु पूर्णिमा क्यों मनाई जाती है (why is guru purnima celebrated)?

शास्त्रों में गुरु का वर्णन बढ़ चढ़कर मिलता है यहाँ तक की भगवान राम और श्रीकृष्ण तक के गुरु थे। संसार की रचना करने वाले त्रिदेव में एक महादेव के गुरु भी अंगीरा ऋषि थे। संस्कृत भाषा में गु शब्द काअर्थ - 'अंधकार' होता है तथा रु का अर्थ- हरने वाला या उसका निरोधक बताया गया है। अतः जो अज्ञान रूपी अंधकार को दूर करके ज्ञान रुपी प्रकाश की ओर ले जाये वही गुरु है।

क्यों मनाई जाती है गुरु पूर्णिमा?

why is guru purnima celebrated: आसाढ़ मास की पूर्णिमा को समस्त मानव जाती के गुरु कहे जाने वाले व महाभारत ग्रन्थ के रचयिता वेदव्यास जन्म आज से लगभग 3000 ई.पू. हुआ था। आचार्य वेदव्यास को समस्त मानव जाती का गुरु माना जाता है। और उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य में गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima) का दिन मनाया जाता है। यह भी कहा जाता है की इसी दिन व्यासजी ने अपने अपने शिष्यों तथा ऋषि मुनियों को श्रीमद्भागवत का ज्ञान दिया था।

गुरु की पूजा की परंपरा को किसने शुरू की थी?

Who started the tradition of worshiping the Guru? वेदव्यास जी के आश्रम में उनके छात्र निशुल्क अध्ययन करते थे जिनमें से उनके पांच शिष्यों ने सर्वप्रथम इन दिनों में उनकी पूजा की थी उन्हें ऊँचे आसान में बैठकर उन्हें पुष्प अर्पित किये व उन्हें ग्रन्थ भी अर्पित किये थे।

गुरु पूर्णिमा का अधिक महत्व क्यों है?

Why is Guru Purnima more important? गुरु पूर्णिमा को वर्षभर की सभी पूर्णिमाओं से श्रेष्ठ माना गया है. इस एकमात्र पूर्णिमा का पालन करने मात्र से वर्षभर की सभी पूर्णिमा का लाभ मिल जाता है। तथा इस दिन हम अपने सभी गुरुओं माता-पिता, शिक्षकों, धर्म गुरुओं, आध्यात्मिक गुरुओं के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हैं।

2022 की गुरु पूर्णिमा क्यों खास है?

Why is 2022 Guru Purnima special? 13 जुलाई को पड़ने वाली गुरु पूर्णिमा पर ग्रह-नक्षत्रों के हिसाब से बेहद खास योग बन रही है. इस दिन मंगल, बुध, गुरु और शनि की स्थिति राजयोग बना रही है. गुरु पूर्णिमा के दिन रुचक, भद्र, हंस और शश नामक 4 राजयोग पड़ रहे हैं. इसके अलावा कई सालों बाद सूर्य-बुध की युति इस दिन बुधादित्य योग भी बन रहा है.

Ankit Pandey | रीवा रियासत

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