किसानो के लिए खुशखबरी! उर्वरक के उपयोग पर मिलेगा अनुदान हजारो का होगा लाभ
PM Kisan
Kisan Urvarak Subsidy News: उप संचालक किसाल कल्याण एवं कृषि विकास के अधिकारी ने समस्त कृषकों को सूचित किया है कि किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग सतना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजनान्तर्गत सूक्ष्म पोषक तत्व (जिंक/बोरान/मॉलीबेडनम), सल्फर, लाइम, जिप्सम, पौध संरक्षण दवा, नीदानाशक एवं जैविक उर्वरक के उपयोग पर अनुदान की पात्रता है।
इतना मिलेगा अनुदान
उप संचालक ने बताया कि जिले के कृषकों को सूक्ष्म पोषक तत्व जैसे जिंक, बोरान, पौध संरक्षण दवा एवं नीदानाशक पर 50 प्रतिशत या 500 रुपये प्रति हेक्टेयर, जिप्सम एवं सल्फर पर 50 प्रतिशत या 750 रुपये प्रति हेक्टेयर तथा लाइम पर 50 प्रतिशत या एक हजार रुपये प्रति हेक्टेयर तथा जैविक उर्वरक पर 50 प्रतिशत या 300 रुपये प्रति हेक्टेयर जो भी कम हो, की अधिकतम 2 हेक्टेयर तक मान्य अनुदान पात्रता है।
ऐसे कृषक जिन्होंने गेंहू, जौ, चना, मसूर की फसलों में सूक्ष्म पोषक तत्व या पौध संरक्षण दवा का उपयोग किया है या कर रहें है, वे कृषक अपनी आदान सामग्री के देयक अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारियों के माध्यम से विकासखण्डीय वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी कार्यालय को उपलब्ध करायें।
जानें पात्रता
योजना का लाभ लेने के लिये हितग्राही को जिले का कृषक होना आवश्यक है। इच्छुक कृषक पंजीकृत एवं जीएसटी धारी क्रेताओं से सामग्री क्रय कर देयक की मूल प्रति, बी-1, आधार कार्ड एवं बैंक पासबुक की स्वच्छ छायाप्रति ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या विकासखण्ड कार्यालय को उपलब्ध करानी होगी। देयक में सामग्री के व्यवसायिक नाम के साथ-साथ रासायनिक नाम का उल्लेख आवश्यक है। एक कृषक को 1 एकड से लेकर अधिकतम 2 हेक्टेयर तक के अनुदान की पात्रता है। देयकों को जमा करने की अंतिम तिथि 28 फरवरी 2023 है।
इन्हे मिलेगी प्राथमिकता
कृषकों का चयन विकासखण्ड को प्रदाय लक्ष्य के विरूद्ध पहले आओ-पहले पाओ के आधार पर किया जावेगा एवं अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला कृषकों को प्राथमिकता दी जावेगी। शासन द्वारा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना अंतर्गत उगाई जा रही फसल यथा चना, मसूर, जौ, गेंहू आदि के उत्पादन एवं उत्पादकता मे वृद्धि के प्रोत्साहन हेतु अनुदान दिया जा रहा है।
किसान भाईयों से अपील है कि वह अपने फसलों की सुरक्षा व्यवस्था हेतु कीटनाशक, सूक्ष्म पोषक तत्व आदि का क्रय कर प्रोपराइटर से अनिवार्यतः मूल देयक प्राप्त करें। विसंगति आने पर अपने ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी या वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी से संपर्क कर सकते है।