किसान हो जाएं अलर्ट! अगर किए ये काम तो लग सकता है ₹15000 का जुर्माना
हार्वेस्टर से फसलों की कटाई और फिर इसके बाद खेत में खड़ी फसल की नरवाई हटाने खेतों में आग लगाने की प्रथा विकसित हो चुकी है। लेकिन किसानों की इस गलत प्रथा की वजह से लगातार प्रदूषण बढ़ रहा है। पराली जलाने पर रोक लगाने सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। पराली जलाने पर किसानों को 15000 रुपए बतौर जुर्माना वसूला जाएगा।
केंद्र सरकार ने लिया निर्णय
जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने किसानों के पराली जलाने पर सख्ती के साथ रोक लगा दी है। कहा गया है कि अगर किसान पराली जलाते हैं तो उन पर अधिकतम 15000 रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है। वही छोटे या सीमांत किसानों को पराली जलाने पर 2500 रुपए का जुर्माना देना पड़ सकता है। केंद्र सरकार का कहना है कि किसान पराली जलाकर प्रदूषण फैलाने के बजाय पराली का उपयोग हरी खाद बनाने में करें। यह उनके और पर्यावरण के हित में रहेगा। लेकिन अगर किसान इस बात को नहीं समझना चाहते तो उन्हें जुर्माना भरना पड़ सकता है।
एनजीटी ने दिए निर्देश
पराली जलाने की वजह से फैलने वाले धुए के प्रदूषण को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने सख्त आदेश दिए थे। एनजीटी का कहना है कि धुआं की वजह से आसपास के क्षेत्र में एयर क्वालिटी मैनेजमेंट खराब हो रहा है। इसके लिए एनजीटी ने जुर्माने का प्रावधान करते हुए कहा था कि 2 एकड़ से कम भूमि वाले किसानों को 2500 तथा कुछ अधिक भूमि के हो यह जुर्माना 5000 रुपए वही 5 एकड़ से अधिक जोत वाले किसानों को पराली जलाने पर 15000 रुपए पर्यावरणीय मुआवजा देना पड़ेगा।
सेटेलाइट से निगरानी
कहा गया है अब सेटेलाइट से निगरानी की जाएगी। इसके लिए जिला स्तर पर व्यवस्था की गई है। सेटेलाइट के माध्यम से खेतों में पराली जलने पर चिन्हित किया जा सकेगा। इसके पश्चात जिला शासन उक्त भूमि के भूमि स्वामी का पता लगाकर उस पर जुर्माने की कार्यवाही करेगी।