राष्ट्रीय

प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों के लिए खुशखबरी, अब ब्याज सहित ग्रेजुएटी का मिलेगा लाभ

MP Teacher Posting List 2022
x

MP Teacher Posting List 2022

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को पलटते हुए शिक्षकों के हित का ख्याल रखा है।

Private School Teacher Supreme Court Order News: सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को पलटते हुए शिक्षकों के हित का ख्याल रखा है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में प्राइवेट स्कूल के शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए अब साफ कर दिया है कि केंद्र सरकार द्वारा संशोधित पेमेंट ग्रेजुएटी अधिनियम के तहत इन्हें ग्रेजुएटी का लाभ मिलेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षक भी कर्मचारी हैं। ऐसे में इन्हें 2009 में संशोधित पेमेंट ग्रेच्युटी अधिनियम के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता।

क्या पूरा मामला

ग्रेच्युटी भुगतान के मामले में निजी स्कूल के शिक्षकों ने कई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। जानकारी के अनुसार पंजाब, हरियाणा, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात तथा दिल्ली उच्च न्यायालय से जब शिक्षकों को ग्रेजुएटी मामले में किसी तरह की राहत नहीं मिली। ऐसे में शिक्षकों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जहां से उन्हें राहत भरा निर्णय प्राप्त हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय से निजी स्कूल के शिक्षकों में प्रसन्नत है।

क्या है सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा है कि ग्रेजुएटी का भुगतान निजी स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के लिए कोई इनाम की राशि नहीं है बल्कि वह उनकी सेवा के शर्त के अनुसार दिया जा रहा है।

हाईकोर्ट से हारने के बाद गए थे सुप्रीम कोर्ट

जानकारी के अनुसार देश के अलग-अलग राज्यों के हाई कोर्ट से ग्रेच्युटी मामले में दायर याचिका से केस हारने के बाद निजी शिक्षकों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने सुनवाई करते हुए ग्रेच्युटी भुगतान पर अपना अहम निर्णय दिया है। इन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा है कि ग्रेच्युटी भुगतान को निजी स्कूलों द्वारा इनाम के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। यह शिक्षकों की सेवा शर्त की न्यूनतम शर्तों में से एक है।

साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने निजी स्कूलों द्वारा दिए गए तर्कों को खारिज कर दिया। निजी स्कूलों ने कहा था कि उनके पास ग्रेच्युटी देने की क्षमता नहीं है। इस पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया कि यह बिल्कुल अंकित है। ग्रेजुएटी अधिनियम 2009 के तहत सभी संस्थान कानून का पालन करने के लिए बाध्य हैं।

सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश ने निजी स्कूलों के साथ-साथ इंडिपेंडेंट स्कूल फेडरेशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर की गई याचिका को भी खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने स्कूलों को निर्देशित किया है कि शिक्षकों को भुगतान प्रावधान के अनुसार ब्याज के साथ ग्रेजुएटी का भुगतान किया जाए। इसके लिए 6 सप्ताह का समय भी निर्धारित किया गया है।

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

Sandeep Tiwari | रीवा रियासत

    Next Story