Employees के लिए गुड न्यूज़, अब 60 के बजाय 62 में होंगे रिटायर?
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Employees Latest Retire News: कर्मचारियों (Employees) द्वारा काफी समय से सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाए जाने की मांग की जा रही थी। कर्मचारियों का कहना था कि उनकी सेवानिवृत्त आयु 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी जाए। इस संबंध में इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामला विचाराधीन था जिस पर हाईकोर्ट के फैसले के साथ ही अब कर्मचारियों के रिटायरमेंट की आयु में 2 वर्ष की वृद्धि की जाएगी।
लखनऊ बेंच ने दिया फैसला Employees Retierment Age Hike 2023
जानकारी के अनुसार इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) द्वारा बुधवार को एक केस की सुनवाई के दौरान कहा कि प्रांतीय सेवा में सरकारी होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु में 2 वर्ष की वृद्धि की जाएगी। वर्तमान में कर्मचारियों की आयु 60 वर्ष है अब इसे बढ़ाकर 62 वर्ष किया जाएगा। लखनऊ बेंच का कहना है कि सरकारी एलोपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 62 वर्ष है। जबकि होम्योपैथिक डॉक्टरों की उम्र 60 वर्ष है जो समानता के सिद्धांत का पूर्ण रूप से उल्लंघन है।
क्या है पूरा मामला Uttar Pradesh Employees
जानकारी के अनुसार मामले की सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति विवेक चौधरी की पीठ ने होम्योपैथिक चिकित्सक एस के यादव की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में बताया गया कि प्रांतीय सेवा में एलोपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति 31 मार्च 2017 को 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष किया गया था। लेकिन होम्योपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष ही रखा गया। इनकी सेवानिवृत्त आयु में कोई भी संशोधन नहीं किया गया जोकि भेदभाव पूर्ण व्यवहार है। याचिकाकर्ता डॉ यादव द्वारा कहा गया कि रिटायरमेंट के समय चिकित्सा सेवा संघ से संबंधित अधिसूचना 31 मई 2017 का लाभ उन्हें नहीं दिया गया।
हाईकोर्ट का महत्वपूर्ण फैसला Age Limit of Employees
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाते हुए एलोपैथिक और होम्योपैथिक डॉक्टरों के लिए अलग-अलग सेवानिवृत्त आयु को पूर्णरूपेण भेदभाव पूर्ण बताया है। हाईकोर्ट ने अपने फैसले में उत्तरी दिल्ली नगर निगम बनाम रामनरेश शर्मा तथा अन्य मामलों का भी उल्लेख किया है। साथ ही कहा गया है कि भारत संघ में दिल्ली में कार्यरत एलोपैथिक डॉक्टरों की सेवानिवृत्त आयु 60 से बढ़ाकर 65 वर्ष कर दी गई है। वही आयुष डॉक्टरों को इसका लाभ नहीं दिया गया था। जबकि केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण के समक्ष दया याचिका दायर की गई। इसे मानते हुए अनुमति दी गई थी कि आयुष डॉक्टर भी एलोपैथिक डॉक्टर के रूप में 65 साल की उम्र में सेवानिवृत्त के हकदार हैं।
क्या है हाईकोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट ने अपने निर्णय में कहा कि आयुष और एलोपैथिक अभ्यास करने वाले डॉक्टरों के द्वारा बनाए गए वर्गीकरण पर विचार किया था। साथ ही कहा गया कि भेदभाव पूर्ण और अनुचित व्यवहार किसी के साथ नहीं किया जा सकता दोनों खंडों के तहत डॉक्टर एक ही कार्य कर रहे हैं ऐसे में रिटायरमेंट की आयु भी एक होनी चाहिए।