Old Pension Scheme: कर्मचारियों के लिए खुशखबरी, पुरानी पेंशन योजना का ले सकते हैं लाभ
Old Pension Scheme: केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए बहुत ही अच्छी खबर है। केन्द्र सरकार द्वारा एक आदेश जारी किया गया है जिसमें उन्हें पुरानी पेंशन स्कीम चुनने का मौका प्रदान किया गया है। इस स्कीम का लाभ कर्मचारियों का एक चुनिंदा समूह ही उठा सकता है। यह आदेश केन्द्र सरकार के उन कर्मचारियों के लिए है जो 22 दिसम्बर 2003 से पहले अधिसूचित पद पर पदस्थ हुए हैं। जिसके तहत पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ अब केन्द्रीय कर्मचारी उठा सकेंगे।
पुरानी पेंशन स्कीम का नया आदेश
पुरानी पेंशन स्कीम से जुड़ा एक नया आदेश केन्द्र सरकार ने जारी किया है। जिसमें कहा गया है कि यदि 22 दिसम्बर 2003 से पहले सरकारी नौकरी मिली है तो केन्द्रीय कर्मचारियों द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम Old Pension Scheme चुन सकते हैं। इस आदेश को कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी किया गया है। जिसके अनुसार राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली को अधिसूचित किए जाने की तारीख 22 दिसंबर 2003 से पहले विज्ञापित या अधिसूचित पदों के तहत केन्द्र सरकार की सेवाओं में शामिल होने वाले कर्मचारी केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत पुरानी पेंशन योजना में शामिल होने की पात्रता रखते हैं।
पुरानी पेंशन स्कीम चुनने की लास्ट डेट
कार्मिक मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आदेश के मुताबिक केन्द्र सरकार के कर्मचारियों के एक चुनिंदा समूह को पुरानी पेंशन योजना चुनने का अवसर प्रदान किया गया है। 14 लाख से अधिक केन्द्रीय और राज्य सरकार के कर्मचारियों की संस्था नेशनल मूवमेंट फॉर ओल्ड पेंशन स्कीम द्वारा सरकार के इस फैसले का स्वागत किया गया है। आदेश के तहत सरकारी कर्मचारियों को 31 अगस्त 2023 तक इस विकल्प का उपयोग करने का अवसर प्रदान किया गया है।
नई पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को घाटा
नई पेंशन स्कीम से कर्मचारी खफा हैं। उनका कहना है कि नई पेंशन स्कीम कर्मचारियों के साथ ही सरकार के लिए भी नुकसानदायक है। इस स्कीम के तहत सरकार एनपीएस में दिए जाने वाले अपने चौदह प्रतिशत शेयर को अपने पास ही रखे तो कर्मचारियों को पेंशन प्रदान की जा सकती है। न्यू पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को कोई फायदा नहीं होने वाला क्योंकि राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) स्कीम से कटने वाले कर्मचारियों के इस पैसे को शेयर बाजार में लगाया जा रहा है। राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के तहत 14 प्रतिशत राशि सरकार द्वारा अपने पास से जमा करवाया जाता है जबकि 10 प्रतिशत राशि कर्मचारियों के वेतन से काटा जाता है।