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LIGO Lab: 2600 करोड़ से बनेगी भारत में पहली लाइगो लैब, ब्रह्मांड की घटनाओं का होगा सटीक आंकलन, इंदौर बना नोडल एजेंसी

Sanjay Patel
18 April 2023 2:32 PM IST
LIGO Lab: 2600 करोड़ से बनेगी भारत में पहली लाइगो लैब, ब्रह्मांड की घटनाओं का होगा सटीक आंकलन, इंदौर बना नोडल एजेंसी
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LIGO Lab: भारत में पहली लाइगो लैब का निर्माण कराए जाने की तैयारी है। 2600 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण कराया जाएगा।

LIGO Lab: भारत में पहली लाइगो लैब का निर्माण कराए जाने की तैयारी है। 2600 करोड़ रुपए की लागत से इसका निर्माण कराया जाएगा। इसके निर्माण हो जाने से ब्रह्मांड की भौगोलिक घटनाओं का सटीक आंकलन किया जा सकेगा। यह विश्व की तीसरी लैब होगी। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने बताया कि 2600 करोड़ की लागत से बनने वाली इस लैब को वर्ष 2030 तक बनाने का लक्ष्य है।

महाराष्ट्र में बनेगी विश्व की तीसरी लाइगो लैब

विश्व की तीसरी लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेब ऑब्जर्वेटरी (LIGO) लैब महाराष्ट्र के हिंगोली गांव में बनने जा रही है। जिसके लिए इंदौर के राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केन्द्र (आरआर कैट) को बतौर नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया है। पूरे विश्व में अभी तक इस तरह की केवल दो ही लैब हैं। यह दोनों लैब अमेरिका के दो छोरों पर सिथत हैं। जिसका तीसरा बिंदु भारत बनने जा रहा है। जिसके लिए अमेरिका की लाइगो लैब से अनुबंध किया गया है। जिसके बन जाने से पूरी पृथ्वी पर इन ग्रेविटेशनल वेव सेंसर का एक त्रिकोण बन जाएगा। यहां पर ब्रह्मांड में किसी भी प्रकार की भौगोलिक घटना का सटीक आंकलन हो सकेगा। जिसकी पुष्टि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के राज्य मंत्री जितेन्द्र सिंह ने की है।

भौगोलिक घटनाओं का लगाया जा सकेगा पूर्वानुमान

महाराष्ट्र के हिंगोली गांव में लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेब ऑब्जर्वेटरी लैब बनाने की तैयारी है। इस लैब का निर्माण 2600 करोड़ की लागत से कराया जाएगा। जिसके लिए अमेरिका की लाइगो लैब से अनुबंध भी किया जा चुका है। दुनिया में यह तीसरी लैबा बनने जा रही है जबकि भारत में इस तरह की बनने वाली यह पहली लैब होगी। यह लैब पृथ्वी पर अमेरिका के ठीक दूसरी तरफ है। जिससे तीनों लैब के बीच एक त्रिकोण बनेगा और घटनाओं का सटीक आंकलन किया जा सकेगा। यह लैब एल आकार में बनाई जाएगी। जिसकी हर भुजा चार किलोमीटर लंबी होगी। दोनों भुजाओं के जोड़ पर ऑब्जर्वेटरी बनेगी। इस लैब के माध्यम से अंतरिक्ष में होने वाले ग्रेविटेशनल वेव्स में परिवर्तन का आंकलन के साथ ही भौगोलिक घटनाओं का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा।

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