पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण का बड़ा बयान, पढ़िए पूरी खबर : PETROL-DIESEL PRICE
PETROL-DIESEL PRICE : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने कहा है कि पेट्रोल और डीजल की बड़ी कीमतों से ग्राहकों को परेशानी हो रही है। सरकार इस बात को समझ रही है, लेकिन सरकार के लिए यह एक धर्मसंकट जैसी स्थिति है। मुंबई में एक इवेंट में निर्मला सीतारमण ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार, दोनों ईंधन से अपना रेवेन्यू वसूल रही हैं, इसलिए दोनों को मिलकर कीमतों को कम करने के बारे में सोचना चाहिए।
वित्तमंत्री ने कहा कि मुझे इस बात का निर्णय लेना पड़ सकता है कि या अगली जीएसटी काउंसिल की बैठक में ईंधन की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने का प्रस्ताव रखा जाए। अगर पेट्रोल को जीएसटी के दायरे में ले लिया जाए, तो पूरे देश में इसकी कीमतें 75 रुपए हो सकती हैं। अगर कच्चे तेल के दाम 60 डॉलर प्रति बैरल के आसपास रहते हैं और डॉलर के मुकाबले रुपया 73 के आसपास रहता है, तो डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने से इसकी कीमत 68 रुपए प्रति लीटर के आसपास आ जाएगी।
अभी तो दाम बढऩे की ही आशंका
दूसरी ओर पेट्रोल-डीजल की कीमतें आने वाले दिनों में और बढ़ सकती हैं। तेल उत्पादक देशों के समूह ओपेक और सहयोगी देशों ने उत्पादन में कटौती को अप्रैल तक बढ़ा दिया है। यानी ये देश उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे। ऐसी स्थिति में केंद्र और राज्य सरकारें टैस नहीं घटाती हैं, तो यूल की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं।
क्या एक्साइज ड्यूटी में होगी कटौती
इस बीच यह सवाल भी उठ रहा है कि सरकार या एसाइज ड्यूटी घटाएगी? फिलहाल पेट्रोल पर एसाइज ड्यूटी 32.90 रुपए और डीजल पर 31.80 रुपए प्रति लीटर लग रही है। इस समय केंद्र और राज्य सरकारें पेट्रोल पर 60 प्रतिशत और डीजल पर 54 प्रतिशत टैक्स वसूलती हैं।