देश में जरूरी दवाइयां 12% तक महंगी होने वाली हैं! यह कीमतों में अबतक की सबसे ज़्यादा बढ़ोत्तरी
दवा होगी महंगी: भारत में जरूरी दवाएं महंगी होने वाली हैं. दवाओं की कीमत में 12% की वृद्धि होने का अनुमान है. यह अबतक की सबसे बड़ी वृद्धि मानी जा रही है. दिल, डाइबटीज सहित कई बड़ी बिमारियों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवाइयां 10% तक महंगी हो सकती हैं.
2022 के थोक मूल्य सूचकांक में बदलाव के अनुसार ही सरकार जरूरी दवाओं की राष्ट्रीय सूची (NLEM) के तहत दवाओं की कीमतों को 12.2% तक बढ़ाने की मंजूरी देने की तैयारी कर रही है.
NPPA ने कहा 10% तक वृद्धि कर लो
NPPA यानी नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइजिंग ऑथरिटी की जॉइंट कमिश्नर रश्मि तहलियानी ने कहा है कि 2011 की तुलना में थोक मूल्य सूचकांक में सालाना 12.12% का बदलाव हुआ है. इससे 27 बिमारियों के इलाज के 900 फार्मूलेशन से जुड़े 384 मोलेक्युल्स की कीमतें 12% तक बढ़ने की संभावना है.
जरूरी दवाएं 12% तक महंगी हो सकती हैं, मगर गैर जरूरी दवाओं में 10% की वृद्धि करने की छूट दी जा रही है. यानी फार्मा कंपनियों पर यह निर्भर है कि वह दाम बढ़ाना चाहते हैं या नहीं। लेकिन इससे पहले NPPA ने फार्मा कंपनियों को 10% की वृद्धि करने की अनुमति दी थी.
एक अप्रैल से महंगी होंगी दवाएं
देश की जनता पहले से महंगाई का सामना कर रही है, और अब दवाएं भी महंगी होने वाली है. अप्रैल से पेनकिलर्स, ऐंटी-इन्फेक्टिव्स, ऐंटीबायोटिक्स और दिल की दवाएं महंगी होने जा रही हैं।
एक अप्रैल के बाद IPM 6% महंगी हो जाएगी, कार्डियक से जुडी दवाएं 6.5%, एंटी इंफेक्शन वाली दवाएं 4.4%, गेस्ट्रोइंटोलॉजी वाली दवाएं 7.5%, डयबिटीज की दवाएं 3.2%, विटामिन्स 6.1% पेनकिलर 7.1%, चर्मरोग की दवाएं 6.3%, आंखों से जुडी दवाएं 6.9% और गायनेकोलॉजी से जुडी दवाएं 5.9% महंगी हो जाएंगीं