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तम्बाकू से मौतें रोकने का प्रयास, सिगरेट के पैकेट में देनी होगी खतरनाक रसायन की जानकारी

तम्बाकू से मौतें रोकने का प्रयास, सिगरेट के पैकेट में देनी होगी खतरनाक रसायन की जानकारी
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Tobacco Control Interventions: भारत में बनने वाली हर तरह की बीड़ी और सिगरेट में कितने रसायन है यह कोई नहीं जानता। इसे जांचने की भी व्यवस्था नहीं है।

Tobacco Control Interventions: केन्द्र सरकार (Central Government) सिगरेट एंड अदर टोबैको एक्ट (Cigarettes and Other Tobacco Act) में बदलाव करने की प्रक्रिया में है। इसके तहत कंपनियों के लिए यह बाध्यता होगी कि वे सिगरेट के पैकेट पर खतरनाक रसायनों का जिक्र करें और यह भी बताए कि उन रसायनों की मात्रा कितनी है। गौरतलब है कि भारत में बनने वाली हर तरह की बीड़ी और सिगरेट में कितने रसायन है यह कोई नहीं जानता। इसे जांचने की भी व्यवस्था नहीं है। यह हालात तब हैं जब दुनिया के कई देश सिगरेट से निकोटिन घटाकर मौते रोकने वाली रणनीति पर आगे बढ़ रहे हैं। उदाहरण के तौर पर अमेरिका सिगरेट में निकोटिन की मात्रा तय करने की नीति बना रहा है। इसी कड़ी में भारत एफसीटीसी का सदस्य है। फिर भी अभी तक इस दिशा में आगे नहीं बढ़ा है।

निकोटिन घटने से कम होंगी मौते

अमेरिका में सिगरेट के असर से हर साल 4.8 लाख मौते हो रही है। इसकी प्रमुख वजह निकोटिन की अधिक मात्रा है। अमेरिका अब निकोटिन की कम मात्रा वाली सिगरेट को ही बाजार में लाने की नीति बना रहा है। मई 2023 तक नई नीति लागू हो जाएगी। गौरतलब है कि निकोटिन की मात्रा को 95 प्रतिशत तक घटाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। अमेरिका सरकार का मानना है कि ऐसा करने से सिगरेट से होने वाली मौते भी 95 प्रतिशत तक घट सकती है।

Ankit Pandey | रीवा रियासत

Ankit Pandey | रीवा रियासत

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