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Driving License Rule: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बदल गए ये नियम, होगा सिर्फ फायदा ही फायदा

Driving License Rule: ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के बदल गए ये नियम, होगा सिर्फ फायदा ही फायदा
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Driving License New Rules: अगर आप गाड़ी चलते है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है.

Driving License New Rules: अगर आप गाड़ी चलते है तो ये खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. जानकारी के मुताबिक हाल ही में ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने वालो के लिए बड़ी खबर आ गई है. अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना चाहते है तो अब आपको रीजनल ट्रांसपोर्ट ऑफिस (RTO) के चक्कर लगाने की कोई जरूरत नहीं है. अब लाइसेंस बनवाने के नियम में बदलाव कर दिया गया है. जानकारी के मुताबिक अब आपको ड्राइविंग टेस्ट देने के लिए RTO जाने की जरूरत नहीं है.

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. उन्हें ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल से ट्रेनिंग लेना होगा और वहीं पर टेस्ट को पास करना होगा, स्कूल की ओर से एप्लीकेंट्स को एक सर्टिफिकेट दिया जाएगा. इसी सर्टिफिकेट के आधार पर एप्लीकेंट का ड्राइविंग लाइसेंस बना दिया जाएगा.

ये है नियम

1. अधिकृत एजेंसी ये सुनिश्चित करेगी की दोपहिया, तिपहिया और हल्के मोटर वाहनों के ट्रेनिंग सेंटर्स के पास कम से कम एक एकड़ जमीन हो, मध्यम और भारी यात्री माल वाहनों या ट्रेलरों के लिए सेंटर्स के लिए दो एकड़ जमीन की जरूरत होगी.

2. ट्रेनर कम से कम 12वीं कक्षा पास हो और कम से कम पांच साल का ड्राइविंग अनुभव होना चाहिए, उसे यातायात नियमों का अच्छी तरह से पता होना चाहिए.

3. मंत्रालय ने एक शिक्षण पाठ्यक्रम भी निर्धारित किया है. हल्के मोटर वाहन चलाने के लिए, पाठ्यक्रम की अवधि अधिकतम 4 हफ्ते होगी जो 29 घंटों तक चलेगी. इन ड्राइविंग सेंटर्स के पाठ्यक्रम को 2 हिस्सों में बांटा जाएगा. थ्योरी और प्रैक्टिकल.

4. लोगों को बुनियादी सड़कों, ग्रामीण सड़कों, राजमार्गों, शहर की सड़कों, रिवर्सिंग और पार्किंग, चढ़ाई और डाउनहिल ड्राइविंग वगैरह पर गाड़ी चलाने के लिए सीखने में 21 घंटे खर्च करने होंगे. थ्योरी हिस्सा पूरे पाठ्यक्रम के 8 घंटे शामिल होगा, इसमें रोड शिष्टाचार को समझना, रोड रेज, ट्रैफिक शिक्षा, दुर्घटनाओं के कारणों को समझना, प्राथमिक चिकित्सा और ड्राइविंग ईंधन दक्षता को समझना शामिल होगा.

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