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Draupadi Murmu Speech: भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू, संसद भवन के सेंट्रल हॉल में ली शपथ, कही यह बात

Draupadi Murmu Speech: भारत की 15वीं राष्ट्रपति बनी द्रौपदी मुर्मू, संसद भवन के सेंट्रल हॉल में ली शपथ, कही यह बात
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Draupadi Murmu Oath Ceremony: संसद भवन के सेंट्रल हॉल में राष्ट्रपति मुर्मू ने शपथ लेते हुए कहीं यह बात।

Droupadi Murmu takes oath as 15th President of India: भारत की 15वीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) बन गई है। उन्होने सोमवार की सुबह संसद भवन के सेंट्रल हॉल में शपथ ली है। आयोजित समारोह में चीफ जस्टिस (Chief Justice) ने उन्हें शपथ दिलाई है। उन्होने शपथ लेते हुए कहा कि मैं भारत के समस्त नागरिकों की आशा-आकांक्षा और अधिकारों की प्रतीक इस पवित्र संसद से सभी देशवासियों का पूरी विनम्रता से अभिनंदन करती हूं. आपकी आत्मीयता, आपका विश्वास और आपका सहयोग, मेरे लिए इस नए दायित्व को निभाने में मेरी बहुत बड़ी ताकत होंगे।

आजादी के पर्व से अमृत महोत्सव को बताया सफर

द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने कहा कि मुझे राष्ट्रपति के रूप में देश ने एक ऐसे महत्वपूर्ण कालखंड में चुना है जब हम अपनी आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं. आज से कुछ दिन बाद ही देश अपनी स्वाधीनता के 75 वर्ष पूरे करेगा. ये भी एक संयोग है कि जब देश अपनी आजादी के 50वें वर्ष का पर्व मना रहा था तभी मेरे राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई थी और आज आजादी के 75वें वर्ष में मुझे ये नया दायित्व मिला है।

उन्होंने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक समय में जब भारत अगले 25 वर्षों के विजन को हासिल करने के लिए पूरी ऊर्जा से जुटा हुआ है, मुझे ये जिम्मेदारी मिलना मेरा बहुत बड़ा सौभाग्य है. मैं देश की ऐसी पहली राष्ट्रपति भी हूं जिसका जन्म आज़ाद भारत में हुआ है। उन्होने अपने उद्रबोधन में 26 जुलाई को मनाए जाने वाले कारगिल विजय दिवस की अग्रिम शुभकामनांए भी दी।

पद पर पहुंचना भारत के लोकतंत्र की महानता

अपने जीवन सफर को उद्रबोधन के दौरान बताते हुए द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि मैंने अपनी जीवन यात्रा ओडिशा (Odisha) के एक छोटे से आदिवासी गांव से शुरू की थी, मैं जिस पृष्ठभूमि से आती हूं, वहां मेरे लिये प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त करना भी एक सपने जैसा ही था. लेकिन अनेक बाधाओं के बावजूद मेरा संकल्प दृढ़ रहा और मैं कॉलेज जाने वाली अपने गांव की पहली बेटी बनी. मैं जनजातीय समाज से हूं, और वार्ड कौन्सिलर (Ward Councilor) से लेकर भारत की राष्ट्रपति बनने तक का अवसर मुझे मिला है. यह लोकतंत्र की जननी भारतवर्ष की महानता है।

अपने मतदाताओं का जताया आभार

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि भारत के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर निर्वाचित करने के लिए मैं सभी सांसदों और सभी विधानसभा सदस्यों का हार्दिक आभार व्यक्त करती हूं. आपका मत देश के करोड़ों नागरिकों के विश्वास की अभिव्यक्ति है।

Viresh Singh Baghel | रीवा रियासत

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