आप भी कहीं पानी समझकर जहर तो नहीं पीते? पूरे देश का ग्राउंड वॉटर जहरीला हो गया है, सरकार ने खुद बताया
भारत का भू जल जहरीला हो गया: कहीं आप भी पानी समझकर जहर तो नहीं पीते? कहने का मतलब है आप भी भू जल मतलब Ground Water पीते हैं? क्योंकि देश की 80% से ज़्यादा आबादी भू जल पर भी निर्भर है और इतनी ही आबादी निर्मल जल समझकर जहर पी रही है.
हम ऐसा कहकर कोई सेंसेशनल न्यूज़ नहीं बना रहे ना ही आपको डरा रहे हैं. बल्कि सरकार ने खुद देशवासियों को चेतावनी दी है, आप कहीं से भी हों, दिल्ली के हो यां चेन्नाई के आपके जिले में जितना भी ग्राउंड वॉटर है वो जहर बन चुका है यह हम नहीं खुद सरकार ने संसद में कहा है.
केंद्र सरकार के मुताबिक हम-आप जो पानी पी रहे हैं वो पानी नहीं प्यास बुझाने वाला जहर है. जो अंदर जाने के बाद आपके लीवर, किडनी, दिल को खाने लगता है, आपको गंभीर बिमारियों के जाल में फंसा देता है. सरकार के मुताबिक देश के ज़्यादातर राज्यों में भूजल में जहरीली धातुएं (Toxic Metals) काफी ज़्यादा मात्रा में है.
भारत के भूजल की क्वालिटी
Ground Water Quality Of India:
- देश के 25 राज्यों के 209 जिलों के कई हिस्सों में मिलने वाले भूजल में आर्सेनिक (Arsenic) की मात्रा 0.01 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है
- 29 राज्यों के 491 जिलों के कुछ हिस्सों में आयरन (Iron) की मात्रा एक मिलीग्राम प्रति लीटर से ज़्यादा है
- 16 राज्यों के 29 जिलों में कुछ हिस्से में मिलने वाले भूजल में कैडमियम (Cadmium) की मात्रा 0.003 मिलीग्राम प्रति लीटर से अधिक है
- 16 राज्यों के 62 जिलों के ग्राउंड वॉटर में 0.05 मिलीग्राम क्रोमियम (Chromium) प्रति लीटर पानी से अधिक है.
- 18 राज्यों के 152 जिलों के भूजल में 0.03 मिलीग्राम से ज़्यादा यूरेनियम (Uranium) प्रति लीटर पानी में है.
देश की 80% से ज़्यादा आबादी ग्राउंड वॉटर पर निर्भर है, ग्राउंड वॉटर का मतलब हैंडपंप, बोर, कुआ, नदी, तालाब का पानी। इस पानी में अब खतरनाक धातुओं की मात्रा अधिक हो गई है. यही मिनिरल्स अब हमारे पानी को जहरीला बना चुके हैं.
देश के 671 इलाकों में मिलने वाले ग्राउंड वॉटर में फ्लोराइड (Fluoride), 814 इलाकों में आर्सेनिक, 14,079 इलाकों में आयरन, 9930 इलाके में लवणता यानी (salinity) 517 इलाकों में नाइट्रेट (Nitrate) और 111 इलाकों में मिलने वाले ग्राउंड वॉटर में भारी धातुओं की मात्रा बहुत ज़्यादा है.
ग्राउंड वॉटर पीने से क्या होता है
- पानी में आर्सेनिक, लोहा, सीसा, कैडमियम, क्रोमियम और यूरेनियम की मात्रा निर्धारित मानक से अधिक होने का मतलब जहर. यानी इसका सेवन करना जैसे खुद को बीमार करना।
- ज़्यादा आर्सेनिक वाला पानी त्वचा रोग और कैंसर का कारक बनता है
- पानी में आयरन की मात्रा अधिक हो तो नर्वस सिस्टम से जुडी बीमारी जैसे अल्जाइमर और पार्किसन हो सकता है
- पानी में लेड की मात्रा ज़्यादा होने पर नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है
- कैडमियम ज्यादा होतो किडनी की बीमारी होती हैं
- क्रोमियम के पानी में ज़्यादा होने से छोटी आंत में डिफ्यूज हाइपरप्लासिया होता है, जो आंत में ट्यूमर बन जाता है
- पानी में यूरेनियम की मात्रा हो तो किडनी की बीमारी और कैंसर जैसे रोग होते हैं.
अब क्या करें, पानी पीना छोड़ दें?
हां पानी पीना छोड़ दीजिये, कहने का अर्थ है सीधा ग्राउंड वॉटर पीने से बचें, कहीं का भी पानी ना पियें जबकत बात जान पर ना टिकी हो. हैंडपंप, नदी, तालाब, कुंआ, बोर का पानी पीना छोड़ दें, बल्कि उस पानी को अच्छे से उबालकर या फ़िल्टर करके ही पियें। लेकिन देश की ग्रामीण आबादी के पास ना तो यह जानकारी पहुंच पाएगी और ना ही वो फ़िल्टर वाले पानी का सेवन करेंगे। यह बहुत बड़ी समस्या है जिसे हर व्यक्ति नज़रअंदाज कर रहा है.