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कोरोना के बाद H3N2 Virus का खतरा! रोकथाम को लेकर एमपी सरकार ने जारी किये दिशानिर्देश, फटाफट से जानें A to Z जानकारी

What is H3N2 virus
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H3N2 वायरस क्या है?

H3N2 Virus Full Details In Hindi: देश समेत प्रदेश में कोरोना के बाद अब नागरिक H3N2 वायरस को लेकर घबराये हुए हैं। इसको लेकर अलग-अलग अफवाहें भी फैलाई जा रही है।

H3N2 Virus Full Details In Hindi: देश समेत प्रदेश में कोरोना के बाद अब नागरिक H3N2 वायरस को लेकर घबराये हुए हैं। इसको लेकर अलग-अलग अफवाहें भी फैलाई जा रही है। इसी बीच मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.ममता तिमोरी ने समस्त बीएमओ, प्राईवेट प्रेक्टिशनर, प्राईवेट नर्सिंग होम, को इन्फ्लूएंजा एच3एन2 की रोकथाम हेतु शासन के दिशा-निर्देशानुसार कार्यवाही करने हेतु कहा हैं। इस संबंध में टॉक्स फोर्स की बैठक करने के निर्देश भी दिये गये ।

क्या हैं H3N2 Virus?

जानकारी के अनुसार यह A वायरस का सब टाइप हैं। डब्ल्यूएचओ और अमेरिका के सीडीसी के मुताबिक यह मनुष्यों में इन्फ्लूएंजा का अहम कारण हैं। बता दें की यह वायरस पक्षियों और जानवरों को भी संक्रमित कर सकता हैं। पक्षियों और दूसरे जानवरों में इसके कई स्ट्रेंस पैदा हो चुके हैं जो श्वसन में संक्रमण पैदा करता हैं। इन्फ्लूएंजा-ए वायरस का सब टाईप हैं, जिसकी खोज 1968 में हुई थी।

H3N2 Virus ऐसे फैलता हैं?

जानकारी के अनुसार एच3एन2 इंफ्लूएंजा (H3N2 Infuenza) संक्रामक हैं, जो एक से दूसरे व्यक्ति में मुंह या नाक से निकलने वाली बूंदों के माध्यम से फेलता हैं। छींकने, खांसने और यहां तक कि बोलने पर जो बूंदे निकलती हैं। वह आसपास मौजूद लोगों को संक्रमित कर सकती हैं। एक संक्रमित सतह को छूने के बाद अपने मुंह या नाक को उसी हाथ से छू लेने से भी संक्रमित हो सकते हैं। बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती ,जो पहले से किसी गंभीर बीमारी से पीड़ित है, ऐसे लोगों के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा हैं ।

प्रदेश सरकार इस एडवाइजरी के मुताबिक बच्चों, गर्भवती महिलाओं, शुगर, हार्ट, लिवर, किडनी का खतरा ज्यादा हैं इन बीमारियों से पीडित व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसके अलावा, संबंधित बीमारियों से पीडित व्यक्ति इम्युनो कंप्रोमाइज्ड होते हैं। गाइड लाइन के अनुसार इम्युनो कंप्रोमाइज्ड श्रेणी के इन मरीजों को एच3 एन2 और एच1 एन1 का संक्रमण होने पर उनकी सेहत गंभीर हो सकती हैं । इन्हें अस्पताल में भर्ती भी करना पड सकता हैं ।

एच3एन2 इंफ्लूएंजा वायरस के लक्षण क्या हैं?

एच3एन2 वायरस के लक्षण सीजनल कोल्ड और कफ की तरह होते हैं । जैसे -खांसी,नाक बहना या नाक बंद होना,गले में खराष,सिरदर्द, शरीर में दर्द, बुखार, उल्टी, थकान, सांस फूलना, ठंड लगना,दस्त आदि ।

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के मुताबिक आमतौर पर इंफ्लूएंजा के सीजनल वायरल की तरह लक्षण होते हैं एेंसे लक्षण दिखने पर घबराने की जरूरत नहीं हैं लेकिन 48 घंटे के भीतर सांस लेने में ज्यादा समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें ।

स्वास्थ्य आयुक्त के निर्देशानुसार उन इलाकों में हॉट स्पॉट में जंहा सभी अस्पतालों में इलाज के इंतजाम, जरूरी उपकरण, मेडिकल ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिष्चित करने ,इसके अलावा संक्रमण मैनपावर मैपिंग और कोविड-19 और इंफ्जूएंजा वैक्सीनेषन के स्टेटस का रेस्पिरेटरी इंफेक्शन थ्रोट इंफेक्षन के केस ज्यादा हैं, वहां सर्वे कराया जाए।

यह सर्वे रेपिड रिस्पॉन्स टीम से कराया जाए,ताकि एच3 एन2 के संक्रमण को कम्युनिटी स्प्रेड होने से पहले कंट्रोल किया जा सकें। एच3एन2 की जांच के लिए थ्रोट स्वैब का सैंपल होगा सर्दी,खांसी और बुखार से पीडित ऐसे मरीज,जिनमें एच3एन2 के जैसे लक्षण हैं, उनकी जांच के लिए संबंधित के गले थ्रोट से स्वाब लिया जाएगा। इसे एच3एन2 इन्फ्लूएंजा जांच के लिए चिन्हित लैब में भेजा जाए ।

स्वास्थ्य संचालनालय के अनुसार एच3 एन2 और एच1एन1 के संदिग्ध मरीजों के सैंपल की जांच भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर में होगी। भोपाल में एम्स और गांधी मेडिकल कॉलेज स्थित स्टेट वायरोलॉजी लैब में जांच होगी जबकि ग्वालियर में डीआरडीई और जबलपुर में आईसीएम की आरएमआरसीटी को एच3एन2 के नमूनों की जांच होगी ।

ये सावधानियां रखना है जरूरी

भीड़भाड़ वाली जगह पर जाने से बचें, सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करें, किसी को बुखार जुकाम हो तो डाक्टर को दिखाएं, हमेशा मास्क लगाए रखें ।

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