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दैनिक वेतन कर्मचारी होंगे नियमित, High Court ने दिया आदेश, नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू

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दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।

Government of Jharkhand: दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए झारखंड हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को आदेश देते हुए कहा है कि 20 साल से काम कर रहे दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों को नियमित किया जाए। इसके लिए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को 8 सप्ताह का समय दिया है। जारी किए गए इस आदेश से दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों में खुशी की लहर देखी जा सकती है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि कर्मचारियों के हित में आया यह फैसला स्वागत योग्य है।

क्या है पूरा मामला

6 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी समेत अजीमुल हक अंसारी हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दायर की गई याचिका में इनका कहना था कि आश्वासन के बाद भी राज्य सरकार उन्हें नियमित नहीं कर रही है। दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों का कहना है कि सेवा की शुरुआत वर्ष 2012 में हुई थी। स्थानांतरण के समय कहा गया था कि यदि कर्मचारी सभी मापदंड पूरा करेंगे तो अवश्य उन्हें नियमित किया जाएगा।

आवेदन किया गया निरस्त

20 वर्ष की सेवा अवधि पूरी होने के पश्चात भी जब वेतन भोगी कर्मचारी नियमित होने के लिए आवेदन लेकर गए तो उसे निरस्त कर दिया गया। आवेदन निरस्त करते हुए सरकार द्वारा तर्क दिया गया कि लिखता और स्वीकृत पद के खिलाफ 10 साल तक सेवा नहीं पूरी की है। ऐसे में कर्मचारी न्याय की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट पहुंच गए।

न्यायालय से आया निर्णय

इस मामले की सुनवाई करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को कहा है कि 20 साल से दैनिक वेतन पर काम कर रहे कर्मचारियों की सेवा को नियमित किया जाए। जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि 20 वर्ष से कर्मचारी काम कर रहे हैं। अभी सेवा में है तो इन्हें नियमित नहीं करना और नियमित वेतनमान नहीं देना उचित नहीं है।

न्यायालय ने इस मामले में सरकार को 8 सप्ताह का समय देते हुए कहा है कि राज्य सरकार में मुख्य सचिव को सभी कर्मचारियों की सेवा 8 सप्ताह में नियमित करते हुए न्यायालय को आदेश की कॉपी भेजनी होगी।

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