दिल्ली में बने मध्यप्रदेश भवन का सीएम शिवराज ने किया उद्घाटन, कहाः एमपी के मरीज व छात्र यहां रुक सकेंगे
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चैहान ने दिल्ली में 150 करोड़ की लागत से बनाए गए मध्यप्रदेश भवन का उद्घाटन किया। सीएम ने इस दौरान खुद मंत्रोच्चार भी किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने ऐलान किया कि मध्यप्रदेश से सिविल सर्विसेज की परीक्षा देने वाले और गंभीर बीमारियों का इलाज कराने के लिए दिल्ली जाने वाले लोग यहां पर ठहर सकेंगे। यह भवन आगामी 30 से 40 साल की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है।
मध्यप्रदेश भवन की यह है खासियत
दिल्ली में बनाया गया मध्यप्रदेश भवन 5 स्टार होटल जैसी सुविधाओं से लैस है। यह भवन 5 हजार 889 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैला हुआ है। जिसमें प्रदेश की संस्कृति, परंपराएं, जीवन मूल्य, आस्थाएं, महापुरुषों के जीवन, प्रदेश के प्राकृतिक सौंदर्य समेत सांची, खजुराहो, मांडू, ओंकारेश्वर, अमरकंटक आदि महत्वपूर्ण स्थलों की यहां छटा भी देखने को मिलती है। सामान्य प्रशासन विभाग के एसीएस विनोद कुमार के मुताबिक 2017 में इस भवन के लिए जमीन तय की गई। वर्ष 2018 में इसका निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। मध्यप्रदेश भवन में सभी आधुनिक जरूरतों के हिसाब से सुविधाएं उपलब्ध हैं।
मध्यप्रदेश भवन में हैं 108 कमरे
बताया गया है कि मध्यप्रदेश भवन में 108 कमरे हैं। जिसमें वीआईपी, वीवीआईपी और 67 डीलक्स, 38 स्टैंडर्ड रूम हैं। इसके साथ ही सभागार, वीडियो कान्फ्रेंसिंग रूम, आवासीय आयुक्त कार्यालय के साथ स्टाफ क्वार्टर भी मौजूद है। यह भवन आधुनिक अग्निशमन यंत्रों से लैस है। दिल्ली में मध्यप्रदेश के व्यंजन मुहैया कराने के लिए एमपीटी कैंटीन चलाएगा। यह भवन दिल्ली में मध्यप्रदेश की पहचान और शान को बढ़ाएगा। जहां श्रीअन्न कोदो, कुटकी, ज्वार, बाजरा, राजगी का प्रदर्शन भी किया जाएगा।
एमपी के लोगों को मिलेगी सुविधा
मध्यप्रदेश भवन में एमपी के दिल्ली जाने वाले गंभीर मरीजों और उनके परिजन ठहर सकेंगे। इसके साथ ही सिविल सर्विस के एग्जाम देने वाले परीक्षार्थियों को भी रुकने की सुविधा मिलेगी। वहीं राजपत्रित अधिकारी, कर्मचारियों को भी दिल्ली प्रवास के दौरान यहां ठहर सकेंगे। ऐसे अधिकारी जो परिवार समेत दिल्ली गए हैं उन्हें ठहरने के लिए केवल एक कमरा ही अलाट किया जाएगा। कमरे उपलब्ध न होने की सूरत में कमरा शेयर भी करना पड़ सकता है। अधिकारी, कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों के जाने के बाद उस रूम में ठहरे परिवार के सदस्यों को अगले 24 घंटे तक ही ठहरने की सुविधा मिल सकेगी।
वीवीआई को यह सुविधा
एमपी हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, जज, लोकायुक्त, उप लोकायुक्त, मध्यप्रदेश माध्यस्थम अधिकरण के अध्यक्ष, एमपी पीएससी के अध्यक्ष, राज्य उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष, मप्र मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष, राज्य निर्वाचन आयुक्त, मध्यप्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त के लिए भी रुकने की खास व्यवस्था रहेगी। वहीं पूर्व राज्यपाल, पूर्व सीएम, दूसरे राज्यों के राज्यपाल जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं आदि को एक वर्ष में 30 दिनों तक निःशुल्क रुकने की सुविधा मिलेगी। इसस अधिक अवधि में रुकने पर शुल्क देना होगा। एमपी के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक साल में अधिकतम 30 दिन फ्री में रुक सकेंगे। वहीं विधायक 5 दिन तक, पूर्व सांसद और पूर्व विधायक वर्ष में 15 दिन फ्री में ठहर सकेंगे। एमपी के रिटायर्ड अधिकारी, कर्मचारी 3 दिन, जांच और इलाज के लिए एमपी के नागरिकों को वर्ष में 15 दिनों तक आधी दर पर रुकने की सुविधा प्रदान की जाएगी।