राष्ट्रीय

Children's Day Special: चाचा नेहरू के बचपन के कुछ अनसुने किस्से

Neelam Dwivedi | रीवा रियासत
14 Nov 2021 12:15 AM IST
Updated: 2021-11-13 18:45:52
Childrens Day Special
x

Children's Day Special

Children's Day Special: 14 नवंबर को हम सब बाल दिवस के रूप में चाचा नेहरू का जन्मदिन मनाते हैं।

Children's Day Special: 14 नवंबर को हम सब बाल दिवस के रूप में चाचा जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru Birthday) का जन्मदिन मनाते हैं। चाचा नेहरू न सिर्फ देश के नेता एवं पहले प्रधानमंत्री (First Prime Minister of India) थे बल्कि बच्चों के बहुत प्रिय थे, यही कारण था कि बच्चे उन्हें प्यार से चाचा नेहरू बुलाते थे। चाचा नेहरु का पूरा का पूरा व्यक्तित्व ही बड़ा प्रभावशाली था। चाचा नेहरू भारत के सबसे पहले प्रधानमंत्री थे, और वह अपना जीवन बड़ी जिंदादिली के साथ जिया करते थे। चाचा नेहरू का बचपन भी बहुत ही ज्यादा दिलचस्प और रोचक था। आज इस बाल दिवस पर विशेष लेख में हम आपको बताएंगे चाचा नेहरू की बचपन से जुड़े कुछ अनसुने किस्से:

चाचा नेहरू जिनका बचपन बड़ा ही प्रेरणादायक था

बहुत छोटी सी उम्र से ही पंडित जवाहरलाल नेहरू (Pandit Jawaharlal Nehru) दूसरे बच्चों के लिए एक प्रेरणास्रोत रहे है। स्कूल में पढ़ाई करने के दौरान की बात है जब एक दिन वह अपने स्कूली जूतों पर पॉलिश कर रहे थे। जब उनके पिता ने अपनी बेटे को अपने जूतों में पालिश करते हुए देखा तो उनसे रहा नहीं गया उन्होंने अपने पुत्र से पूछा कि तुम क्या कर रहे हो घर में इतने सारे नौकर हैं फिर भी तुम अपने जूतों में पालिश कर रहे हो। अपने पिता के इस प्रश्न का जवाब देते हुए चाचा नेहरू ने कहा कि जो काम में खुद कर सकता हूं वह मैं अपने नौकरों से क्यों कराऊं। यह सुनकर उनके पिता बहुत ही ज्यादा प्रभावित इतनी छोटी सी उम्र में कोई बच्चा इतना समझदार कैसे हो सकता है।

अपने पिता से काफी डरते थे चाचा नेहरू

दोस्तों चाचा नेहरू अपने पिता से काफी डरते थे, इसके पीछे एक घटना है। एक बार चाचा नेहरू ने अपने पिता का कीमती फाउंटेन पेन ले लिया और उनसे पूछा भी नहीं। उनके पिता मोतीलाल नेहरू के लिए वह फाउंटेन पेन इतना कीमती था कि वह उसे ढूंढते हुए गुस्सा कर रहे थे। उनका गुस्सा देखकर चाचा नेहरू की हिम्मत ना हुई कि वह उनसे कह सके कि पैन उनके पास है लेकिन जब पेन उनके पास निकला तो मोतीलाल नेहरू की गुस्से को चाचा नेहरू को झेलना पड़ा। उनके पिता ने उनकी बेहद पिटाई की जिसके पास से वह अपने पिता से काफी डरने लगे थे।

जब अपने ही तोते को कर दिया था आजाद

एक बार चाचा नेहरू के पिता एक पिंजरे में तोता लेकर आए जिसकी देखरेख चाचा नेहरू की माली को सौंपी गई। एक बार जब चाचा नेहरू खेल कर वापस आ रहे थे तो तोता उनको देखकर बोलने लगा उसकी बोली ना समझते हुए चाचा नेहरू को यह लगा कि तोता उनसे आजाद होने की मांग कर रहा है। चाचा नेहरू ने तुरंत ही पिंजरा खोल दिया और तोता उड़ गया। जब माली आया तो देखा तोता गायब है माली ने उनको डाटा और बोला, "ये क्या कर दिया! मालिक देखेंगे तो नाराज होंगे।" तो चाचा नेहरू ने उत्तर दिया कि "जब पूरा देश आजाद होना चाहता है तो इस तोते का भी हक है आजाद होने का इसलिए मैंने तोते को आजाद कर दिया।"

तो देखा आपने कितना प्रेरणादायक था चाचा नेहरू का बचपन। बाल दिवस की विशेष मौके पर हमने चाचा नेहरू की किसी आपके साथ शेयर की है सभी को बाल दिवस (Happy Children's Day) की ढेर सारी शुभकामनाएं।

Article by Shailja Mishra

Neelam Dwivedi | रीवा रियासत

Neelam Dwivedi | रीवा रियासत

नीलम द्विवेदी जर्नलिज़्म से स्नात्कोत्तर हैं। 2016 से रीवा रियासत डॉट कॉम में बतौर कंटेंट राइटर कार्यरत हैं। इन्हें देश-दुनिया, राजनीति के अलावा स्पोर्ट्स, हेल्थ, होम डेकोर, रिलेशनशिप, लाइफस्टाइल और एंटर्टेंमेंट जैसे टॉपिक्स पर लिखने का अनुभव है। इसके अलावा खाली समय में नेचर को एक्सप्लोर करना पसंद करती हैं। साथ ही म्यूजिक, थिएटर और किताबों में भी इनकी बहुत रुचि है।

    Next Story