चाइना बॉर्डर पर धोखा: बातचीत के बीच चीनी फ़ौज का भारतीय सेना पर हमला, 20 भारतीय सैनिक शहीद, चीन के 43 सैनिकों के हताहत की खबर
लद्दाख. जो 45 सालों में नहीं हुआ वो सोमवार की रात हो गया. चीन ने एक बार फिर भारत की पीठ पर छूरा भोंक दिया है. चाइना बॉर्डर पर चीन ने भारत को धोखा दिया है. गालवन वैली में बातचीत के दौरान चीन की फौज ने भारतीय सेना पर अचानक से हमला बोल दिया. इस दौरान दोनों देशों की सेनाओं में झड़प हुई. इसमें भारत के कमांडिंग ऑफिसर समेत 20 सैनिक शहीद हो गए. जबकि चीन के 43 के हताहत होने की खबर है. यह वाक्या तब हुआ दोनों ओर से एक भी गोलियां नहीं चली.
यह झड़प दुनिया की दो एटमी ताकतों के बीच लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गालवन वैली में हुई. गालवन वैली वही इलाका है, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी.
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बॉर्डर पर पिछले 41 दिन से तनाव था. इसे कम करने की कोशिशें भी हो रही थीं. इसी बीच, 15 जून की शाम से तनाव बढ़ गया. भारतीय सेना बातचीत करने गई थी, लेकिन चीन की सेना ने अचानक हमला कर दिया.
देश ने 20 सैनिकों को खो दिया
इस झड़प में भारत ने कर्नल रैंक के कमांडिंग ऑफिसर और 19 जवानों को खो दिया. 3 के नाम सेना ने आधिकारिक तौर पर बताए हैं. इनमें 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा शामिल हैं. बाकी नामों की जानकारी अभी सामने नहीं आई है. चीन की तरफ से 43 सैनिकों के हताहत होने की खबर है, लेकिन उसने यह कबूला नहीं.
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चीन ने पहले बातचीत की पहल की
सोमवार रात की घटना के बाद चीन डैमेज कंट्रोल की कोशिश में जुट गया. मंगलवार सुबह 7:30 बजे चीन की पहल पर ही गालवन वैली में मीटिंग बुलाई गई. इसमें दोनों देशों के बीच मेजर जनरल लेवल की बातचीत हुई.
खबरें सामने आईं तो चीन धमकी देने लगा
दोपहर करीब 1 बजे हिंसक झड़प की खबर दुनिया के सामने आई. इसके बाद चीन ने अपना रुख बदल लिया. वह धमकाने वाले अंदाज में आ गया. कहा- अब भारत एकतरफा कार्रवाई न करे, नहीं तो मुश्किलें बढ़ेंगी. चीन के सरकारी अखबार द ग्लोबल टाइम्स ने चीन के विदेश मंत्रालय के हवाले से बताया कि बॉर्डर पर दोनों देशों के बीच रजामंदी बनी थी, लेकिन भारतीय जवानों ने इसे तोड़ दिया और बॉर्डर क्रॉस किया.