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Chania Taiwan War: चीन की ताइवान से क्या दुश्मनी है? चाइना ने ताइवान को चारों तरफ से घेर लिया है

Abhijeet Mishra | रीवा रियासत
3 Aug 2022 1:44 PM IST
Updated: 2022-08-03 08:15:30
Chania Taiwan War: चीन की ताइवान से क्या दुश्मनी है? चाइना ने ताइवान को चारों तरफ से घेर लिया है
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What is China's Enmity With Taiwan: अमेरकी हॉउस स्पीकर नैंसी पेलोसी (Nancy Pelosi) ताईवान गईं तो चीन ने युद्ध छेड़ने की धमकी देनी शुरू कर दी

China Taiwan Enmity In Detail: बीते मंगलवार 2 अगस्त 2022 के दिन अमेरिकी हॉउस स्पीकर नैंसी (Nancy Pelosi) पेलोसी ताइवान (Taiwan) गईं. इसी बात से चीन (China) भड़क गया और ताइवान के खिलाफ युद्द छेड़ दिया, चीनी सेना ने चारों तरफ से ताइवान को घेर लिया है और मिलिट्री ड्रिल शुरू कर दी है. किसी भी वक़्त चीन ताइवान पर हमला कर सकता है.

चीन ने चारों तरफ से ताइवान को घेरते हुए 6 नो एंट्री ज़ोन बना दिए हैं, अलबत्ता अब इन रास्तों से कोई भी प्लेन, जहाज ताइवान तक नहीं पाउच सकते हैं. चीन ने ताइवान के चारो ओर J-20 फाइटर जेट और युद्ध पोत तैनात किए हैं. इतना ही नहीं अमेरिका से सीधा पंगा लेने के लिए चीन ताइवान पहुंची हॉउस स्पकीर Nancy Pelosi के विमान को भी वापस अमेरिका लौटने से रोक सकता है.


अमेरकी सरकार की तरफ से मंगलवार को ताइवान पहुंची हॉउस स्पकीर नैंसी पेलोसी ने अपने मित्र देश ताइवान के साथ हमेशा खड़े रहने और उनकी रक्षा करने का वादा किया है. ताइवान के लिए US चीन जैसे खतरनाक देश से सीधी टक्कर लेने के लिए तैयार है. चीन इसी लिए अमेरिका से भी दुश्मनी ले रहा है।

चीन की ताईवान से क्या दुश्मनी है

China Taiwan Enmity Explained: चीन वन चाइना पॉलिसी को लेकर काफी सीरियस है One China मतलब चीन के चारों तरफ जितने भी देश है वो उन्हें अपना ही हिस्सा मानता है. जैसे नेपाल, भूटान, तिब्बत, लद्दाख, हॉन्गकॉन्ग, मंगोलिया, उइगर में उसने कब्जा किया है वैसे ही ताइवान और जापान जैसे देशों को भी वह अपने देश का अखंड हिस्सा मानता है. आप इसे अखंड चीन कह सकते हैं हालांकि विस्तारवादी चीन जिन भूखंडों को अपना इलाका कहता है वो कभी उसका हिस्सा थे ही नहीं।

चीन मानता है कि ताइवान भी उसका एक प्रोविंस है, जबकि ताइवान एक डेमोक्रेट्स स्वतंत्र देश है. चीन-ताइवान की दुश्मनी समझने के लिए हमने द्वितीय विश्वयुद्ध (World War 2) में जाना होना।

इस फोटो में कम्नुनिस्ट पार्टी के माओत्से तुंग और कुओमितांग पार्टी के चियांग कोई शेक हैं. जब सितंबर 1945 में जापान जीत का गया था जब दोनों जश्न मना रहे थे. लेकिन इसी जीत के बाद दोनों पार्टियों के बीच युद्ध हो गया था

चीन ताइवान में क्यों कब्जा करना चाहता है

Why China want to occupy Taiwan: ये बात उस वक़्त की है जब चीन में मेनलैंड में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (Chinese Communist Party)और कुओमितांग (Kuomintang) के बीच जंग चल रही थी. 1949 में माओत्से तुंग (Mao Zedong) की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की जीत हुई और कुओमितांग के लोग चीन छोड़कर ताइवान में बस गए. उस वक़्त कम्युनिस्ट लोगों की नौसेना इतनी ताकतवर नहीं थी ताइवान पहुंचकर कुओमितांग के लोगों पर नियंत्रण पा सके.

चीन दावा करता है कि 1992 में चीन कम्युनिस्ट पार्टी और ताइवान की कुओमितांग पार्टी के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत दोनों ही पक्ष एक ही चीन का हिस्सा हैं और वन चाइना के लिए एक साथ मिलकर काम करेंगे। लेकिन कुओमितांग की मुख्य विपक्षी पार्टी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (Democratic Progressive Party) 1992 में हुए इस समझौते के पक्ष में कभी नहीं थी.

चीन के तानाशाह शी जिंगपिंग (Xi Jingping) ने साल 2019 में एलान किया था कि चाहे कुछ भी हो जाए, किसी से भी लड़ना पड़े हम ताइवान को चीन में मिलाकर ही दम लेंगे इसके लिए जिंगपिंग ने 'एक देश दो सिस्टम' का फार्मूला दिया था मतलब One Nation Two System. लेकिन ताइवान की आज़ाद जनता और राजनैतिक परियों को यह मंजूर नहीं है कि ताइवान कभी चीन में शामिल हो. आखिर ताइवान एक लोकतान्त्रिक देश है जबकि चीन में PLA की सेना वाले शी जिंगपिंग का कब्ज़ा है. चीन की जनता खुद अपने तानाशाह से पीड़ित है.

चीन ताइवान के बीच अमेरिका की क्या भूमिका है

What is the role of America between China Taiwan: साल 1979 में USA ने चीन से अपने ख़राब रिश्तों को बहाल किया था इसी के साथ ताइवान की तरफ भी दोस्ती का हाथ बढ़ाया था. लेकिन US की ताइवान से गहरी दोस्ती हो गई और यह बात चीन को नागवार लगी. चीन के एतराज के बाद भी अमेरिका ताइवान को अपने हथियारों की सप्लाई करता रहा.

जो बाइडेन ने हाल ही में कहा है कि अगर चीन, ताइवान में हमला करता है तो हम उसके बचाव में उतरेंगे, अमेरिका अपने दोस्त को हथियार भेजता रहेगा और दोनों की दोस्ती बाकायदा जारी रहेगी।

चीन नहीं चाहता कि अमरीका उसके और ताइवान के बीच में पड़े, लेकिन मंगलवार को पहली बार अमेरिकी सरकार की हॉउस स्पीकर ताइवान पहुँच गईं. इससे चीन भयंकर नाराज हो गया और ताइवान के खिलाफ युद्द छेड़ देने की धमकियां देने लगा.

अमेरिका जिस तरह दोस्ती के वादे ताइवान से करता है वैसे ही उक्रेन को भी दिलासा देता था, लेकिन जब रूस ने हमला किया तो अमेरिका ने सिर्फ हथियार भेजे अपनी सेना का एक भी सिपाही मदद के लिए नहीं भेजा।

चीन की सैन्य ताकत बहुत बढ़ गई है. ताइवान में वह हवाई हमला और समुद्र के रास्ते से घुस सकता है. ताइवान एक पहुंचने में चीन को एक घंटे का भी समय नहीं लगेगा लेकिन अमेरिका जबतक ताइवान को बचाने के आएगा तबतक यहां चीन का कब्जा हो जाएगा। चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है और ताईवान को बचाने के लिए अमेरिका सिर्फ सिमित युद्द पोत और फाइटर जेट भेज सकता है.

चीन ने ताइवान में कब्जा कर लिया तो क्या होगा

What would happen if China occupied Taiwan: अगर चीन ताइवान में कब्जा कर लेता है तो पश्चिमी प्रशांत महासागर (Western Pacific Ocean) में चीन का दबदबा हो जाएगा इसी के साथ विस्तारवादी चीन गुआम और हवाई द्वीपों में मौजूद अमेरिकी मिलिट्री बेस पर भी हमला कर सकता है और यहां भी कब्जा कर सकता है.

ताइवान कहां है

ताइवान चीन के पूर्व में मौजूद एक छोटा सा देश है. चीन की ताइवान से दूरी सिर्फ 130 किमी है.

ताइवान कितना बड़ा है

Taiwan Total Area: ताइवान का क्षेत्रफ़ल सिर्फ 35,980 वर्ग किलोंमीटर है

ताइवान में किसनी सरकार है

Taiwan Government: ताइवान में सेमीप्रेसिडेंशियल रिपब्लिक (Semipresidential Republic)की सरकार है

ताइवान की आबादी कितनी है

Taiwan Population: ताइवान की आबादी सिर्फ 2.3 करोड़ है

ताइवान की जीडीपी कितनी है

Taiwan GDP: ताइवान की GDP 774 बिलियन डॉलर है

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