राष्ट्रीय

Chandrayaan 3 VS Chandrayaan 2: चंद्रयान-3 में किये गए ये बदलाव, जानिए इस मिशन के जरूर FACTS

Chandrayaan 3 VS Chandrayaan 2
x
इस सप्ताह श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने वाला चंद्रयान-3, भारत को चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना देगा।

Chandrayaan 3 Mission Facts In Hindi: इस सप्ताह श्रीहरिकोटा से लॉन्च होने वाला चंद्रयान-3, भारत को चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना देगा। डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज यहां एक समाचार एजेंसी को दिए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि नरेन्‍द्र पीएम मोदी के संयुक्‍त राष्‍ट्र अमेरिका के हाल ही के राजकीय दौरे को महत्वपूर्ण अंतरिक्ष संबंधित समझौतों के रूप में चिन्हित किया गया था, जो यह दर्शाता है कि जिन देशों ने भारत से बहुत पहले अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी, वे आज भारत को एक समान सहयोगी के रूप में देख रहे हैं।

Chandrayaan 2 Vs Chandrayaan 3

डॉ. सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के शासन-काल में अंतरिक्ष मामले में बड़ी विशेषज्ञता हासिल करने के बाद, भारत चंद्रमा पर जाने के लिए और इंतजार नहीं कर सकता। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा अथवा चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और रोविंग में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है। उन्होंने कहा कि अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने के लिए आवश्यक जटिल मिशन प्रोफ़ाइल को बहुत सटीक तरीके से क्रियान्वित किया गया है।

चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद छह पहियों वाला रोवर बाहर आएगा और चंद्रमा पर 14 दिनों तक कार्य कर सकेगा। उन्होंने कहा कि रोवर पर कई कैमरों के सहयोग से हम तस्वीरें प्राप्त कर सकेंगे। बता दें की चंद्रयान-3 मिशन के तीन प्राथमिक उद्देश्य हैं; (ए) चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग का प्रदर्शन, (बी) चंद्रमा पर रोवर के घूमने का प्रदर्शन और (सी) इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोगों का संचालन।

चंद्रयान-3 के लॉन्‍च को लेकर देश भर में जबरदस्त उत्साह है, विशेष रूप से क्योंकि 6 सितंबर, 2019 को अंतरिक्ष यान के उतरने के लगभग 13 मिनट बाद हुई चूक के कारण चंद्रयान-2 मिशन अपेक्षित परिणाम नहीं दे सका था। प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी व्यक्तिगत रूप से श्रीहरिकोटा में उपस्थित थे। चंद्रयान-2 से उन्नत चंद्रयान-3 में लैंडर की मजबूती बढ़ाने के लिए कुछ बदलाव किए गए हैं। उन्होंने कहा, ये सभी संशोधन टैस्‍ट बेड्स के माध्यम से विस्तृत जमीनी परीक्षणों और सिमुलेशन के अनुसार हैं।

सिंह ने जानकारी दी कि चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर मॉड्यूल भी पेलोड के साथ कार्य रूप में हैं, जो वैज्ञानिक समुदाय को चंद्र मिट्टी और चट्टानों के रासायनिक व मौलिक संरचना सहित विभिन्न गुणों पर डेटा प्रदान करेगा।

Suyash Dubey | रीवा रियासत

Suyash Dubey | रीवा रियासत

News Content SEO Expert

Next Story