अधिकारियों व कर्मचारियों की न्यू पेंशन स्कीम को लेकर केंद्र सरकार का बड़ा फैसला
कोरोना संकट से गड़बड़ाई वित्तीय व्यवस्था का एक और बड़ा असर सामने आया है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों समेत कर्मचारियों की न्यू पेंशन स्कीम (एनपीएस) में अपनी हिस्सेदारी 14 फीसदी से घटाकर 10 फीसदी कर दी है, यानी 4 फीसदी घटा दी है। इसका असर केंद्र के 15 लाख और राज्य के 1 लाख कर्मचारियों पर पड़ेगा।
MP में LOCKDOWN में फंसे लोगो की क्या सुनेगे, अफसरों के फोन ही नहीं उठा रहेयह आदेश केंद्र सरकार की समस्त स्वायत्तशासी संस्थाओं के 10 लाख कर्मचारियों पर भी लागू होगा। यह व्यवस्था वित्तीय व्यवस्था दोबारा पटरी पर न आने तक जारी रहेगी। यानी यह कटौती कब तक होगी, यह स्पष्ट नहीं है। कर्मचारियों को यह डीए पर 1 जनवरी 2021 तक रोक लगने के बाद दूसरा बड़ा झटका है। केंद्र के इस फैसले के बाद राज्य सरकार भी प्रदेश में 1 जनवरी 2005 के बाद सेवा में आए अधिकारी कर्मचारियों को यह झटका देने जा रही है।
MP में विश्वविद्यालय की परीक्षाओं को लेकर बड़ा फैसला, 3 घंटे की जगह 2 घंटे… ऐसे होगा नुकसान- मान लीजिए एक कर्मचारी का वर्तमान में मूल वेतन 50 हजार रुपए है। अभी तक एनपीएस स्कीम में कर्मचारी का हिस्सा 10% के हिसाब से 5 हजार रुपए और नियोक्ता के अंशदान के रूप में सरकार 14% के हिसाब से 7 हजार रुपए जमा करती थी। नए आदेश के हिसाब से कर्मचारी और नियोक्ता की हिस्सेदारी 10-10 फीसदी होगी, यानी कर्मचारी का सीधा नुकसान हर महीने 2 हजार रुपए का होगा।
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