CDS Bipin Rawat Funeral: CDS जनरल रावत के अंतिम सफर की तस्वीरें देख आप अपने आंसू नहीं रोक पाएंगे
योद्धा कभी मरते नहीं वो बस अमर हो जाते हैं, भारत कभी भी CDS बिपिन रावत के योगदान को कभी नहीं भूलेगा, जब वो कहीं से गुजरते थे तो बच्चा- बच्चा उन्हें सलाम करता था, देश के युवा उनके नक़्शे-कदम में चलने का प्रण करते थे, जब वो सैन्य अधिकारीयों से मिलते थे तो लगता था कोई अधिकारी नहीं वो उनके दोस्त हैं। अपने देश, अपनी सेना और अपनी टीम के लिए दुश्मनों से भिड़ जाने वाले जनरल रावत अब इस दुनिया को छोड़ कर ईश्वर के पास चले गए हैं। वहां किसी और दुनिया में भगवान खुद उनके आने का इंतज़ार कर रहे होंगे।
CDS जनरल रावत के अंतिम संस्कार में 800 सैनिकों ने उन्हें आखिरी सलामी दी, इस दौरन उन्हें 17 तोपों से सलामी दी गई, ब्रिगेडियर और समकक्ष रैंक के कुल 12 अधिकारी (सेना, नौसेना और वायु सेना से) अंतिम दर्शन के दौरान निरंतर निगरानी बनाए रखने के लिए सतर्कता ड्यूटी पर रहे।
शाम 4 बजे के बाद सीडीएस और उनकी पत्नी का अंतिम संस्कार सेना के आधिकारिक शमशान घाट बरार स्कवॉयर में किया गया . एक दिन पहले जब जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका समेत सभी 13 लोगों के पार्थिव शरीर दिल्ली लाए गए तो उनके परिवारवालों की आंखे आंसूओं से नम हो गई
गुरुवार को सभी के पार्थिव शरीर को दिल्ली लाया गया, जिसके बाद 10 लोगों के शवों की पहचान ही नहीं हो पाई, सिर्फ CDS रावत, उनकी पत्नी मधुलिका रावत और ब्रिगेडियर लिड्डर के शवों की ही पहचान हुई
CDS रावत की श्रद्धांजलि सभा में एक वक्त ऐसा भी आया, जब वहां मौजूद सभी की आंखें नम हो गईं। जनरल रावत की बड़ी बेटी कीर्तिका अपने मासूम बेटे के साथ पहुंचीं। उन्होंने अपने बेटे के हाथ में फूल देकर नाना-नानी के पार्थिव शरीर को समर्पित करने के लिए कहा। मासूम ने एक-दो बार ऐसा किया। फिर दुख भरे इस माहौल से अनजान मासूम फूलों से ही खेलने लगा।
जनरल रावत अपने टीम और अन्य सैनिक से किसी दोस्त की तरह पेश आते थे
पिता के शव के ताबूत को देखते ही उनकी बेटियां बिलख बिलख कर रोने लगी.
गुरुवार रात पीएम मोदी ने जनरल बिपिन रावत समेत अन्य शहीदों को भावभीनी श्रद्धांजली दी थी, इस दौरन उनकी आंखे नम थीं वो रोना चाहते थे लेकिन अपने ग़म को उन्होंने दिल से बाहर नहीं आने दिया। जनरल रावत उनके बहुत करीबी थे।
रीवा रियासत अमर शहीद CDS बिपिन रावत को सलाम करता है