देश भर के करोड़ो अभिभावकों को झटका! नए सत्र से CBSE स्कूल बढ़ाएंगे फीस जेब पर पड़ेगा हजारो का भार
सीबीएसई स्कूल संचालक छात्रों व उनके अभिभावकों को झटका देने की तैयारी में हैं। सीबीएसई स्कूल शुल्क में दस फीसदी की वृद्धि करने जा रहे हैं। यह वृद्धि नवीन शिक्षण सत्र से की जाएगी। स्कूल संचालकों का कहना है कि शासन के आदेश है। महंगाई भी दिनोंदिन बढ़ रही है जिसके कारण मजबूरीवश उन्हें शुल्क में वृद्धि करनी पड़ रही है। फीस में वृद्धि किए जाने से छात्रों के पालकों की नींद हराम हो गई है। पालकों का कहना है कि प्रति वर्ष सीबीएसई स्कूलों में फीस में वृद्धि कर दी जाती है जो ठीक नहीं है।
लंबित फीस का अभिभावकों ने नहीं किया भुगतान
सीबीएसई स्कूल संचालकों का कहना है कि गत दो वर्षों में महामारी के कारण जबरदस्त आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा। इस दौरान यहां जो शुल्क निर्धारित थी उसका भी भुगतान अब तक छात्रों व उनके अभिभावकों द्वारा नहीं किया गया। कई बार अभिभावकों से इस संबंध में आग्रह भी किया गया किन्तु अभिभावकों द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। महामारी जैसे संकटकाल में आनलाइन माध्यम से बच्चों को बेहतर अध्यापन कार्य कराया गया। उसके बाद भी अभिभावक इस दौरान का लंबित फीस का भुगतान अभी तक नहीं कर रहे हैं। संचालकों का कहना है हर स्कूल में इसी तरह की स्थिति है।
सरकार ने दिया 10 फीसदी शुल्क बढ़ाने का निर्देश
इस संबंध में सहोदय ग्रुप के वाइस प्रेसिडेंट पीके पाठक के मुताबिक सरकार द्वारा यह कहा गया था कि सीबीएसई स्कूल संचालक फीस में 10 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन प्रयोगी वस्तुओं के दामों में लगातार इजाफा हो रहा है। स्कूलों का प्रशासनिक मैनेजमेंट समय से करने के साथ ही शिक्षकों को भी समय से वेतन भुगतान करना पड़ता है। जिसके कारण सामान्य फीस में इजाफा किया जा रहा है। परीक्षा खेल सहित अन्य शुल्क नहीं बढ़ाई जा रही है। महंगाई को देखते हुए शुल्क बढ़ाना मजबूरी बन गया है।
अभिभावक बता रहे मनमानी
सीबीएसई स्कूल संचालकों द्वारा फीस में वृद्धि को लेकर अभिभावकों ने जहां इसे मनमानी करार दिया है तो वहीं कुछ अभिभावकों ने इसे अनुचित बताया है। अभिभावक गणेश दाहिया का कहना है कि स्कूल संचालकों द्वारा हर वर्ष इस तरह की मनमानी की जाती है। बगैर उनसे चर्चा किए फीस में वृद्धि कर दी जाती है जिससे उनको अतिरिक्त खर्च वहन करना पड़ता है। वहीं अभिभावक दिनेश शर्मा के मुताबिक शुल्क की वृद्धि करने के संबंध में अभिभावकों से भी सलाह लेना आवश्यक है। किन्तु बगैर सलाह लिए इस तरह फीस में वृद्धि करना सरासर मनमानी है। उनका कहना है कि सैकड़ों ऐसे अभिभावक हैं जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। कम से कम पांच वर्ष में एक बार शुल्क में वृद्धि की जानी चाहिए तो बात समझ में आती है किन्तु सीबीएसई स्कूल संचालकों द्वारा हर वर्ष शुल्क में वृद्धि कर दी जाती है।