नई दिल्ली। कोरोना वायरस के साथ ही ब्लैक फंगस की चपेट में लोग आ रहे हैं। इसका प्रकोप भी धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है लेकिन उपचार के साथ ही इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां भी जरूरी हैं। हम आपको बता दें कि बीमारी में निजात पाने जितना उपचार जरूरी हैं तो बीमारी से बचने के लिए उतनी ही सावधानी रखना जरूरी है। देखा जाता है कि लोग मास्क को कई दिन तक धोते नहीं हैं। सिर्फ सैनिटाइजर से साफ करके काम चलाते हैं लेकिन ऐसा न करें। कपड़े के मास्क बाहर से आने पर तुरंत मास्क साबुन से धोएं, धूप में सुखाएं और प्रेस करें।
सर्जिकल मास्क एक दिन से ज्यादा इस्तेमाल न करें। एन 95 मास्क को मंहगा होने की वजह से लंबे समय तक उपयोग करना पड़े तो साबुन के पानी में इस्तेमाल करने के बाद कई बार डुबोकर धो लें, रगड़े नहीं। विकल्प अगर संभव हो तो नया इस्तेमाल करें।
यह सावधानियां भी जरूरी
यही नहीं अधिकांश सब्जियां खासकर प्याज़ छीलते समय दिखने वाली काली फंगस हाथों से होकर आंखों या मुंह मे चली जाती है । बचाव करें। साफ पानी, फिटकरी के पानी या सिरके से धोएं फिर इस्तेमाल करें। जब तक बहुत आवश्यक न हो, ऑक्सीजन लेवल सामान्य है तो अन्य दवाओं के साथ स्टेरॉयड न लें। विशेष तौर पर यह शुगर वाले मरीजों के लिए अधिक खतरनाक है। कोरोना मरीज को अगर ऑक्सीजन लगी है तो नया मास्क और वह भी रोज साफ करके इस्तेमाल करें। साथ ही ऑक्सीजन सिलिंडर या कंसेन्टेटर में स्टेराइल वाटर डालें और रोज बदलें।
बारिश के मौसम में मरीज को या घर पर ठीक होकर आ जाएं तब भी किसी भी नम जगह बिस्तर या नम कमरे में नहीं रहना है। अस्पताल की तरह रोज बिस्तर की चादर और तकिए के कवर बदलना है। और बाथरूम को नियमित साफ रखना है। रूमाल गमछा तौलिया रोज धोना है। इन सब बातों का ध्यान रखें तभी घातक बीमारी से बचाव संभव है क्योंकि इसका इलाज अभी बहुत दुर्लभ और महंगा है इसलिए सावधानी ही बचाव और इलाज है।