क्या राज्य सरकार किसी फिल्म को बैन कर सकती हैं?
Does the state government have the right to ban any film: भारत में इस समय कई राज्यों में ऐसा माहौल बना हुआ है जहां के पोलिटिकल नेता अपना काम-धाम छोड़कर फिल्म क्रिटिक बन गए हैं. इस वक़्तद केरला स्टोरी (The Kerala Story) फिल्म देश का ज्वलनशील मुद्दा है. चीन, LAC, रेप, हत्या, महंगाई ये सब सेकेंडरी हैं. बवाल कुछ ऐसा मचा है कि राजनेता फिल्मों को अपने राज्य में बैन करने की धमकी दे रहे हैं. सवाल ये है की जो नेता-मिनिस्टर लोग द केरला स्टोरी को अपने राज्य में बैन कर रहे हैं, उनके पास किसी फिल्म को बैन करने का अधिकार भी है? या मनमानी कर रहे हैं?
बता दें कि ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में द केरला स्टोरी को बैन कर दिया है, ठीक इसी प्रकार केरल और तमिलनाडु में भी राज्य सरकार ने फिल्म को बैन कर दिया है
''क्या किसी राज्य सरकार के पास किसी फिल्म को बैन करने का अधिकार होता है?''
क्या राज्य सरकार किसी फिल्म को बैन कर सकती है?
Can the state government ban a film: 1989 में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा था कि- फिल्म सेंसरशिप जरूरी है, और इस लिए जरूरी है क्योंकि एक फिल्म में दिखाई गई चीज़ें दर्शकों को इन्फ़्लुएंस करती हैं. फ़िल्में दर्शकों के दिमाग पर मजबूत प्रभाव डालती हैं और उनकी भावनाओं को प्रभावित कर सकती हैं. फ़िल्में जितनी अच्छी चीज़ें सिखा सकती हैं उतनी ही बुराई भी फैला सकती हैं.
भारत में फिल्मों के कंटेंट की जांच सेंट्रल बोर्ड ऑफ़ फिल्म सर्टिफिकेशन करता है जिसे हम CBFC कहते हैं. 1983 तक इसे सेंट्रल फिल्म सेंसर बोर्ड कहते थे और अब Central Board Of film Certification कहते हैं. भारत में रिलीज होने वाली हर फिल्म को पहले सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट लेना पड़ता है. लेकिन ये चीज़ OTT में अप्लाई नहीं होती है.
सेंसर बोर्ड से किसी फिल्म को सर्टिफिकेट लेने के लिए कम से कम 68 दिन का वक़्त लगता है. सेंसर बोर्ड के जूरी मेंबर पहले फिल्म देखते हैं और उनको कोई आपत्तिजनक सीन लगता है तो उसे बेरहमी से काट डालते हैं. द कश्मीर फाइल्स के 30 से ज़्यादा सीन काट दिए गए थे.
सेंसर बोर्ड 4 तरह के सर्टिफिकेट देता है.
- U (अ): मतलब ऐसी फिल्म हर वर्ग, हर उम्र के लोग देख सकते हैं. U सर्टिफिकेट वाली फ़िल्में साफ़ सुथरी होती हैं
- A (व): A का मतलब अडल्ट यानी वयस्क होता है. मतलब इस सर्टिफिकेट वाली फिल्म को 18 की उम्र से नीचे वाले नहीं देख सकते
- UA (अव): इसका मतलब इस फिल्म को 12 साल से छोटे बच्चे देख सकते हैं मगर अपने मम्मी डैडी के साथ.
- S (एस): इस सर्टिफिकेट वाली फिल्म स्पेशल दर्शकों के लिए होती हैं जैसे डॉक्टर और वैज्ञानिक
क्या सेंसर बोर्ड फिल्म बैन कर सकता है?
Can the Censor Board ban the film: सेंसर बोर्ड सिनेमेटोग्राफी एक्ट 1952 और सिनेमेटोग्राफी रूल 1983 (Cinematography Act 1952 and Cinematography Rules 1983) के तहत काम करता है. मतलब सेंसर बोर्ड किसी फिल्म को बैन नहीं घोषित कर सकता।
लेकिन यहां एक खेल है. सेंसर बोर्ड चाहे तो फिल्म को सर्टिफिकेट देने से मना कर सकता है. और जिस फिल्म को सेंसर बोर्ड सर्टिफिकेट नहीं देता वो किसी भी थिएटर में रिलीज नहीं हो सकती। देखा जाए तो यह बैन करने जैसा ही हुआ
साल 2022 में 31 मार्च के दिन केंद्र सरकार ने राजयसभा में कहा था कि सेंसर बोर्ड किसी फिल्म को बैन नहीं कर सकती मगर सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 (B) के तहत गाइडलाइन के उल्लंघन पर सर्टिफिकेट देने से मना कर सकती है
क्या सरकार फिल्म को बैन कर सकती है
Can the government ban the film: सरकार तो कुछ भी कर सकती है. अगर सरकार चाह ले तो सिनेमेटोग्राफ एक्ट 1952 5E के तहत सेंसर बोर्ड द्वारा सर्टिफिकेट जारी करने के बाद भी उस फिल्म को बैन कर सकती है. या सर्टिफिकेट रद्द कर सकती है
पिछले साल ही सिनेमेटोग्राफ एक्ट में बदलाव के लिए सरकार बिल लेकर भी आई थी. जिसमे प्रावधान था कि अगर दर्शकों को किसी फिल्म को लेकर आपत्ति है तो सरकार उसे बैन कर सकती है. लेकिन इस बिल को अबतक पास नहीं किया गया (शूकर है)
क्या राज्य सरकार फिल्म बैन कर सकती है?
साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसला सुनाते हुए कहा था कि- अगर सेंसर बोर्ड ने किसी फिल्म को सर्टिफाई कर दिया है तो राज्य सरकार उस फिल्म में बैन नहीं लगा सकती। सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला प्रकाश झा की फिल्म 'आरक्षण' पर बैन लगाने के मामले में सुनाया था. तब यूपी सरकार ने फिल्म को बैन करने की मांग उठाई थी. इसपर SC ने फटकार लगते हुए कहा था - सरकार का काम कानून व्यवस्था संभालना है, फिल्म को क्रिटिसाइज़ करना नहीं'
इसका मतलब यही है कि पश्चिम बंगाल, केरल और तमिलनाडु में सरकारें मनमानी कर रही हैं. राज्य सरकार के पास किसी फिल्म को बैन करने का कोई अधिकार नहीं होता है.