भाजपा ने गोवा के पूर्व CM मनोहर पर्रिकर के बेटे को ही टिकट नहीं दी, क्या माजरा है?
BJP Goa Candidate List: देश के राज्यों में सबसे अच्छे चीफ मिनिस्टर माने जाने वाले गोवा के पूर्व मुख्य मंत्री और देश के पूर्व डिफेंस मिनिस्टर स्व मनोहर पर्रिकर के बेटे को BJP ने गोवा विधानसभा में चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया। जबकि बीजेपी ने गुरुवार को गोवा में चुनाव लड़ने के लिए 34 लोगों को विधायकी का उम्मीदवार बनाया है और लिस्ट जारी कर दी है।
मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्तप्ल पर्रिकर गोवा कि पणजी सीट से चुनाव लड़ने का दावा कर रहे थे लेकिन बीजेपी ने उनकी उम्मीदों में पानी फेर कर किसी दूसरे को उस सीट का उम्मीदवार बना दिया। उनकी जगह बीजेपी ने आटांसियो मोंसेराते को पणजी का उम्मीदवार बनाया है। अभी 6 सीटों में उम्मीदवारों की घोषणा करना बाकी है। गोवा में 40 सीट हैं
गोवा में बीजेपी कैंडिडेट्स की लिस्ट (BJP Goa Candidate List)
The Central Election Committee of the BJP has decided the following names for the ensuing General Elections to the Legislative Assembly of Goa. pic.twitter.com/YjDbnTzsU4
— BJP (@BJP4India) January 20, 2022
उत्तप्ल पर्रिकर को इग्नोर क्यों कर रही है बीजेपी
मनोहर पर्रिकर न सिर्फ गोवा के मुख्यमंत्री थे बल्कि देश के रक्षा मंत्री भी थे, उरी हमले के बाद पाकिस्तान की बुद्धि खोलने में उनकी अहम भागेदारी थी। वो अच्छे नेता और नेक इंसान थे. गोवा की जनता उनपर जान छिड़कती थी. मुख्यमंत्री बनने के बाद भी वो अपनी पुरानी स्कूटर में घूमते थे। लेकिन कैंसर बीमारी से वो जंग हार गए थे और उनकी मौत हो गई थी। उनके बेटे उत्तप्ल को यह लगता था कि पिता जी के गुजरने के बाद बीजेपी उन्हें गोवा में टिकट देगी ताकि पर्रिकर परिवार में राजनीती खत्म न हो लेकिन बीजेपी ने अलग खेल कर दिया। उत्तप्ल को टिकट ही नहीं दिया। बीजेपी का कहना है कि कि पार्टी किसी के पिता को देखते हुए उनके वंशजों को चुनाव में नहीं उतारती इसके लिए टैलेंट होना चाहिए।
ठीक ऐसा मोदी की भतीजी के साथ भी हुआ था
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भतीजी सोनल मोदी को भी गुजरात के अहमदाबाद में वजलपुर से महापौर का चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी ने टिकट नहीं दी थी. ऐसा कर के बीजेपी यह साबित करना चाहती थी के पार्टी वंशवाद को बढ़ावा नहीं देती।
अब क्या करेंगे उत्तप्ल
उत्तप्ल पर्रिकर को अब बीजेपी चुनाव लड़ने के लिए टिकट तो नहीं देने वाली ऐसे में उत्तप्ल निर्दलीय बिना किसी पार्टी के पणजी में चुनाव लड़ सकते है। लेकिन ऐसा करने से बीजेपी नाराज हो जाएगी ठीक वैसे ही जैसे बिहार चुनाव में चिराग पासवान के साथ हुआ था। जिन्होंने ने अपने पिता के गुजरने के बाद बिहार में बीजेपी को छोड़ कर अपनी पार्टी LJP से चुनाव लड़ने का फैसला लिया था और बीजेपी से संबध ख़राब कर लिए थे।