बीरभूम नरसंहार: दो बच्चों और अन्य 8 को जिन्दा जलाने से पहले धारदार हथियार से मारा गया, अब CBI जांच करेगी
Birbhum massacre: पश्चिम बंगाल के बीरभूम नरसंहार की डरा देने वाली घटना से आप वाकिफ होंगे। अब इस मामले की जांच राज्य की पुलिस नहीं सेंट्रल एजेंसी CBI करेगी। शुक्रवार को कोलकाता हाईकोर्ट ने इस हत्याकांड में निर्ममता बनर्जी को झटका देते हुए सीबीआई को जांच करने के लिए निर्देश दिए हैं. 7 अप्रेल तक केंद्रीय एजेंसी को रिपोर्ट पेश करनी होगी। इससे पहले इस मामले की जांच SIT को दी गई थी.
फोरेंसिक रिपोर्ट में खुलसा हुआ है कि जिन 10 लोगों को जिन्दा जलाया गया है उनके मारने से पहले बुरी तरह बेरहमी से पीटा गया था और धारदार हथियार जैसे चाकू-तलवार से मारा गया था और उसके बाद उन्हें घर के अंदर बंद कर के आग लगा दी गई थी. यह घटना पश्चिम बंगाल के बीरभूम की है. इस नरसंहार में 2 मासूमों को भी मार डाला गया है। ये सब TMC नेता की हत्या का बदला लेने के लिए किया गया है।
घरों में आग लगाने के लिए पेट्रोल बम फेंका
फोरेंसिक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 10 लोगों को जिन्दा भस्म करने के पहले बेहोश होने तक पीटा गया था. घरों में मिले खून के धब्बों से इसका पता चलता है। घरों में आग लगाने के लिए पेट्रोल बम का इस्तेमाल किया गया था.
मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
हिन्दू सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष विष्णु गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर इस घटना की जाँच सीबीआई से कराने की मांग की थी. आरोप है कि ममता बनर्जी इस नरसंहार में TMC के मुख्य आरोपियों को बचाने का काम कर रहे है. इसी लिए राज्य की पुलिस या राज्य की जांच एजेंसी को इसकी जांच नहीं सौंपनी चाहिए।
अबतक 20 आरोपी पकड़े गए हैं
पुलिस ने इस घटना की प्राथमिक जांच में अबतक 20 आरोपियों को पकड़ा है और 14 दिनों की रिमांड पर भेजा है। बुधवार को कोर्ट में जब इन आरोपियों को पेश किया गया था तब इनके तरफ से कोई भी वकील केस लड़ने के लिए तैयार नहीं था. पुलिस ने इस मामले में आजाद चौधरी, इंताज शेख, माफ़िजूल शेख, असीम शेख, रुस्तम शेख, नयन दीवान, माफियूद्दीन शेख, नजीर हुसैन और तौसीब शेख सहित अन्य आरोपियों को हिरासत में लिया है.
बता दें की पिछले सोमवार को रामपुरहाट में TMC पंचायत नेता भादू शेख की हत्या के बाद TMC के गुंडों ने बीरभूम में बच्चों और बेक़सूर लोगों की बेरहमी से हत्या कर मौत का बदला लिया है। इस घटना के बाद ममता बनर्जी की सरकार के बड़े चेहरों को आरोपी बनाया गया है। आरोप है कि ममता बनर्जी इस मामले में अपने खास लोगों को बचाने का काम कर रही हैं.