राष्ट्रीय

बड़ी खबर: दुनिया को दो दिन बाद मिलेगी पहली कोरोना वैक्सीन, रूस कराएगा रजिस्ट्रेशन

Aaryan Dwivedi
16 Feb 2021 11:57 AM IST
बड़ी खबर: दुनिया को दो दिन बाद मिलेगी पहली कोरोना वैक्सीन, रूस कराएगा रजिस्ट्रेशन
x
बड़ी खबर: दुनिया को दो दिन बाद मिलेगी पहली कोरोना वैक्सीन, रूस कराएगा रजिस्ट्रेशन कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अब लोगों को इसके वैक्सीन

बड़ी खबर: दुनिया को दो दिन बाद मिलेगी पहली कोरोना वैक्सीन, रूस कराएगा रजिस्ट्रेशन

कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच अब लोगों को इसके वैक्सीन का बेसब्री से इंतजार है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार पूरी दुनिया में इस समय 21 से ज्यादा वैक्सीनों का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है. वैक्सीन को विकसित करने की प्रक्रिया में रूस सबसे आगे दिखाई दे रहा है.

रिपोर्ट के मुताबिक रूस दो दिनों बाद यानी कि 12 अगस्त को अपने पहले कोरोना वैक्सीन का पंजीकरण कराएगा. रूसी अधिकारियों और विशेषज्ञों के दावे के मुताबिक यह दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन होगी.

Bank Transaction को लेकर सबसे बड़ी खबर, पढ़िए नहीं तो होगी देर…

रूस में कोरोना वैक्सीन को विकसित करने का काम गमलेया रिसर्च इंस्टीट्यूट की तरफ से किया जा रहा है. यह संस्थान रूस के स्वास्थ्य मंत्रालय के अधीन है. रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को के अनुसार अगर अंतिम चरण का ह्यूमन ट्रायल सफल रहा तो अक्टूबर महीने तक देश के लोगों को वैक्सीन देने का काम शुरू कर दिया जाएगा.

स्पेटनिक न्यूज के अनुसार गमलेया नेशनल रिसर्च सेंटर के निदेशक अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि एडेनो वायरस के आधार पर यह टीका बनाया गया है. उन्होंने कहा कि टीका संभावित रूप से किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचा सकता है, ऐसी कोई चिंता नहीं है.

उन्होंने कहा कि ट्रायल के दौरान देखा गया है कि वैक्सीन देने के बाद ऐसे लोगों में कोरोना से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि हुई है. इससे साबित होता है कि यह वैक्सीन सही दिशा में काम कर रहा है.

अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने कहा कि कुछ लोगों को टीका लगाए जाने के बाद स्वाभाविक रूप से बुखार होता है. टीके की वजह से उस व्यक्ति के प्रतिरक्षा प्रणाली को एक शक्ति मिलती है और इसके दुष्प्रभाव से बुखार आता है. लेकिन उसे पैरासिटामोल लेकर आसानी से दूर किया जा सकता है. सबसे पहले यह वैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ रहे डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मचारियों को दी जा सकती है.

रिपोर्टों में कहा गया था कि गमलेया संस्थान के प्रमुख प्रोफेसर अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग और अन्य शोधकर्ताओं ने खुद पर टीका लगाने की भी कोशिश की थी.

हालांकि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देश रूस के कोरोना वैक्सीन के होने वाले असर को लेकर सवाल उठा रहे हैं. ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि रूस ने ट्रायल का साइंटिफिक डेटा रिलीज नहीं किया है.

ख़बरों की अपडेट्स पाने के लिए हमसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी

जुड़ें: Facebook, Twitter, WhatsApp, Telegram, Google News, Instagram

Aaryan Dwivedi

Aaryan Dwivedi

    Next Story