UGC New Rules 2022: उच्च शिक्षा में बड़ा परिवर्तन, अब 3 नहीं 4 वर्ष में होगा BA, BBA, BSC एवं अन्य पाठ्यक्रम
देश के सभी 45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में नई शिक्षण व्यवस्था लागू हो रही है। इसके लिए कई नियमों में परिवर्तन किया गया है। पठन-पाठन के क्रम भी बदलेंगे। अब बीए बीएससी बीकॉम करने वाले छात्रों को ग्रेजुएशन की डिग्री 4 वर्ष में मिलेगी। जो अभी तक मात्र 3 वर्ष में ही पूरा हो जाता था। इसके लिए केंद्रीय विश्वविद्यालयों को जानकारी भेजी जा चुकी है।
यूजीसी ने तैयार किए नियम
जानकारी के अनुसार शिक्षण व्यवस्था में हो रहे इस परिवर्तन के लिए यूजीसी ने पाठ्यक्रम को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश तैयार कर लिया है। बताया जा रहा है कि बहुत जल्दी इस नए परिवर्तित पाठ्यक्रम की जानकारी के लिए देश के सभी विश्वविद्यालयों को जानकारी दी जाएगी।
यूजीसी चेयरमैन का कहना है कि 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों की पूरी स्कीम जल्दी ही सार्वजनिक कर दी जाएगी। जिससे यूनिवर्सिटी, महाविद्यालय, छात्र तथा उनके परिजन इस नए नियम से वाकिभ होकर अपने आप को तैयार कर सकें।
होगी वैकल्पिक व्यवस्था
जानकारी के अनुसार शुरुआत में यह व्यवस्था वैकल्पिक रहेगी। जिन छात्रों ने 3 वर्षीय पाठ्यक्रम का एडमिशन ले लिया है। वह अगर चाहते हैं तो 4 वर्षीय पाठ्यक्रम में शामिल होकर शिक्षा ग्रहण करेंगे। यह व्यवस्था पूर्णरूपेण वैकल्पिक रहेगी यह छात्रों के ऊपर निर्भर करता है कि वह 4 वर्षीय अंडर ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम में दाखिला लेते हैं या नहीं।
छात्रों को नहीं किया जाएगा बाध्य
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी छात्र को वाध्य नहीं किया जाएगा। जो छात्र पूर्व में 3 वर्षीय पाठ्यक्रम में एडमिशन ले चुके हैं वह 3 वर्षीय अंडर ग्रेजुएट पाठ्यक्रमों को जारी रख सकते हैं। यह उनकी स्वेक्षा पर निर्भर करता है कि वह 4 वर्षीय पाठ्यक्रम में शामिल होना चाहते हैं या नहीं।
होगे अन्य कई परिवर्तन
4 वर्षीय अंडर ग्रजुएट पाठ्यक्रम के बाद पीजी 2 वर्ष में पूरी होगी। वहीं बताया गया है कि एमफिल करने वाले क्षा़त्रां को पीएचडी करने के लिए 55 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य है।
देश के बड़े विश्वविद्यालय एमफिल का कोर्स नहीं करेंगे। नई शिक्षा नीति के तहत किये गये बदलाव के बाद अब कई बडे विश्वविद्यालय आने वाले वर्षों में एमफिल बंद करने पर विचार कर रहे हैं।