अमेरिकी नहीं जल्द ही इंडियन टाइम से आपरेट किए जाएंगे बैंक, एनपीएल कर रही काम
नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी (एनपीएल) समय को लेकर काम कर रही है। जल्द ही बैंकिंग के कार्य भी इसी के द्वारा दिए गए समय से आपरेट किए जाएंगे। कई बार माइक्रो सेकंड्स की चूक से भी करोड़ों का नुकसान हो जाता है। इस लिहाज से समय की एक्यूरेसी बहुत ही जरूरी है। उक्त बातें भोपाल स्थित मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान में आयोजित आठवें भारतीय अंतरराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव में शामिल होने आए एनपीएल के डायरेक्टर प्रो. वेणुगोपाल आचन्टा ने कहीं।
दुनिया का तीसरा बेस्ट टाइम देने वाला देश है भारत
दुनिया के बेस्ट टाइम देने वाले देशों में अमेरिका व जापान पहले और दूसरे नंबर पर हैं। जबकि भारत दुनिया का तीसरा बेस्ट टाइम देने वाला देश है। प्रो. वेणुगोपाल का कहना है कि नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी इसरो, डीआरडीओ सहित सेना के आपरेशंस के लिए समय के मानक तय करता है। उन्होंने बताया कि कारगिल युद्ध के समय यूएस ने जीपीएस का एक्सेस काट दिया था जिससे हमारे जवानों को इस दौरान बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। जवानों को लोकेशन ट्रेस करने में भी दिक्कतें पैदा हुई थीं। अब एनपीएल द्वारा इनके लिए टाइम मैनेजमेंट किया जाता है।
समय को लेकर होंगे आत्मनिर्भर
नेशनल फिजिकल लेबोरेटरी के डायरेक्टर प्रो. वेणुगोपाल आचन्टा का कहना है कि इसरो के आपरेशंस भी एनपीएल द्वारा दिए गए समय से आपरेट किए जाते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से यह बहुत ही आवश्यक है कि हम समय की एक्यूरेसी तय करें। जल्द ही एनपीएल द्वारा जारी किए गए समय से भारतीय बैंक आपरेट होंगे। जिसके लिए प्रारंभिक चर्चा भी हो चुकी है। उन्होंने कहा कि समय को लेकर हम आत्मनिर्भर होंगे।
फायनेंशियल सिक्युरिटी और होगी मजबूत
प्रो. आचन्टा का कहना है कि नेशनल फिजिकल लेबेोरेटी का समय प्राधिकरण सीजियम एटामिक क्लाक्स और हाइड्रोजन मेसर पर आधारित है। एनपीएल नई दिल्ली में स्थित देश की मीजरमेंट प्रयोगशाला है। इसको राष्ट्रीय मेट्रोलाजिकल संस्थान भी कहा जाता है। उन्होंने कहा कि खुद का मानक समय होने से फायनेंशियल सिक्युरिटी और मजबूत होगी। इस संस्थान की घड़ियां इतनी सटीक हैं कि लगभग तीन लाख वर्षों में वे एक सेकंड की त्रुटि दिखाती हैं।