दिल्ली में 'मोदी मॉडल' ला रहें केजरीवाल! सीएम ने कहा- अब सबको फ्री बिजली नहीं मिलेगी
Delhi CM Arvind Kejriwal
सीएम अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) दिल्ली में 'मोदी मॉडल' ला रहें हैं. उन्होंने कहा है कि, दिल्ली में अब सभी को मुफ्त बिजली का लाभ नहीं मिल सकेगा. जो शख्स बिजली की सब्सिडी (Electricity Subsidy in MP) चाहता है उसे मिलेगी और जो नहीं चाहता है उसे नहीं मिलेगी. सीएम केजरीवाल के अनुसार, दिल्ली में यह व्यवस्था पूरी तरह से वैकल्पिक रहेगी.
गुरुवार को सीएम अरविंद केजरीवाल ने यह बात एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान की है. उन्होंने दिल्ली के विकास का मॉडल जनता के सामने रखा है. सीएम ने ऐलान किया है कि राजधानी को जल्द ही स्टार्टअप हब बनाने की दिशा में काम किया जाएगा. उन्होंने जानकारी दी है कि दिल्ली कैबिनेट (Delhi Cabinet) ने 'दिल्ली स्टार्टअप नीति' (Delhi Startup Policy) पारित कर दिया है. जिसके तहत राजधानी में स्टार्टअप की दिशा में काम किया जाएगा. स्टार्टअप के लिए सरकार लोगों की मदद और प्रोत्साहित करेगी. इसके साथ ही उन्हें कोलेटरल और इंटरेस्ट फ्री लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा. वहीं स्टार्टअप को कानूनी एवं वित्तीय सलाह भी मुफ्त दी जाएगी.
दिल्ली में मुफ्त बिजली नहीं मिलेगी: सीएम अरविंद केजरीवाल
इस बीच प्रेस कांफ्रेंस में सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में मुफ्त बिजली न मिलने की बात कही है. सीएम ने कहा कि 'जो भी शख्स बिजली सब्सिडी लेना चाहेगा उसे मिलेगी और जो शख्स नहीं लेना चाहेगा उसे नहीं दी जाएगी. मतलब अब यह व्यवस्था वैकल्पिक तौर पर मिलेगी'. सीएम ने कहा कि 'जो भी सक्षम लोग सब्सिडी छोड़ना चाहते हैं, वो आगामी एक अक्टूबर से पूरा बिल जमा कर सकते हैं'.
पीएम मोदी का 'गिव इट' अभियान
साल 2015 में मार्च के महीने में हुए अंतरराष्ट्रीय एनर्जी समिट (International Energy Summit) के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब्सिडी छोड़ो अभियान की शुरुआत की थी उसके बाद से कुछ लोगों ने स्वतः ही इसका उपभोग करना छोड़ दिया.
पीएम ने इस दौरान कहा था कि जो लोग समृद्ध हैं, जिन्हें जरूरत नहीं उन्हें सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने उन लोगों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने सब्सिडी लेने से मना कर दिया है.
केंद्र सरकार ने लोगों को प्रेरित करने के लिए givitup.in वेबसाइट के जरिए इस अभियान से लोगों को जोड़ना शुरू किया. इसकी शुरुआत के बाद से 9 अप्रैल 2015 की दोपहर तक 3,23,822 लोगों ने अपने एलपीजी गैस सिलिंडर पर सब्सिडी नहीं लेने का फैसला करते हुए आवेदन डाला. इस क्रम में केन्द्र सरकार ने यह आंकड़ा भी जारी किया था कि 'गिव इट अप' कार्यक्रम के चलते केन्द्र सरकार को 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है.