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राम मंदिर का पुरातात्विक प्रमाण देने वाले आर्कियोलॉजिस्ट पद्मविभूषण प्रोफेसर बीबी लाल का निधन

राम मंदिर का पुरातात्विक प्रमाण देने वाले आर्कियोलॉजिस्ट पद्मविभूषण प्रोफेसर बीबी लाल का निधन
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Archaeologist Padmavibhushan Professor BB Lal: प्रो बीबी लाल ने ही सबसे पहले साबित किया था कि बाबरी मस्जिद को प्राचीन राम मंदिर तोड़कर बनाया गया था

Professor BB Lal Died: भारत के फेमस आर्कियोलॉजिस्ट पद्मविभूषण प्रो बीबी लाल का 101 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। Archaeologist Padmavibhushan Professor BB Lal काफी दिनों से बीमार थे और शनिवार को दिल्ली में अस्पाल में भर्ती रहने के दौरान उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए.

प्रो बीबी लाल ही थे जिन्होंने सबसे पहले यह साबित किया था कि जिस स्थान में बाबरी मस्जिद है वहां पहले श्री राम जी का मंदिर हुआ करता था और वही स्थान श्री राम लला की जन्मभूमि है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के पुख्ता पुरातात्विक प्रमाण दिए थे. आज अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण हो रहा है तो उसमे पद्मविभूषण प्रो बीबी लाल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है.

कौन थे पद्मविभूषण प्रो बीबी लाल

Who Was Professor BB Lal: पद्मविभूषण प्रो बीबी लाल का जन्म झांसी में 2 मई 1921 को हुआ था, इसके बाद उनका परिवार दिल्ली शिफ्ट हो गया था. प्रो बीबी लाल देश के बड़े पुरातत्वविद थे. उन्होंने इंडस वेली सिविलाइज़ेशन यानी सिंधु घाटी, कालीबंगन, महाभारत और रामायण वाली जगहों में जाकर सालों तक शोध किया था और अपनी रिसर्च में प्रमाण के साथ यह साबित किया था कि ग्रंथों में लिखी बातें और स्थान सच थे. इस पर उन्होंने 20 किताबें और 150 से ज़्यादा रिसर्च पेपर्स लिखे थे. 1968 से 1972 तक प्रो बीबी लाल भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के डायरेक्टर रहे और UNESCO में भी शामिल थे.


पद्मविभूषण प्रो बीबी लाल ने 1975-76 के बाद पुरातात्विक स्थलों के तहत अयोध्या, भारद्वाज आश्रम, श्रंगवेरपुरा, नंदीग्राम और चित्रकूट जैसे स्थलों की जांच की थी. 1975 में बीबी लाल ने अयोध्या में विवादित ढांचे की खुदाई करवाई तो वहां मंदिर होने के प्रमाण मिले थे.

महान पुरातत्विद पद्मविभूषण प्रो बीबी लाल के निधन को लेकर पीएम मोदी ने दुःख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा - ''बी बी लाल एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व थे, संस्कृति और पुरातत्व में उनका योगदान अद्वितीय है। उन्हें एक महान बुद्धिजीवी के रूप में याद किया जाएगा, जिन्होंने हमारे समृद्ध अतीत के साथ हमारे जुड़ाव को गहरा किया, उनके निधन से आहत हूं. मेरे विचार उनके परिवार और दोस्तों के साथ हैं. ओम शांति''

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