रामचरितमानस विवाद: गुस्से में अयोध्या के साधु-संत, शिक्षा मंत्री का जीभ काटने पर 10 करोड़ का इनाम
Ramcharitmanas Controversy: बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर के बयान को लेकर बवाल खड़ा हो गया और देश के साधू-संतों ने इस पर एतराज जताते हुए मंत्री को माफी मांगने तक मोहलत दे दी है। अयोघ्या के संत जगतगुरू परमहंस आचार्य तो इतने आवेश में आ गए कि उन्होने मंत्री को 7 दिन की मोहलत देते हुए कहा कि अगर वे माफी नही मागते है तो उनकी जीभ काट कर लाने वालों को 10 करोड़ रूपये का ईनाम दिया जाएगा।
रामचरितमानस को लेकर मंत्री ने की टिप्पणी
जानकारी के तहत नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में भाग लेने के दौरान आरजेडी नेता चंद्रशेखर ने कहा है कि मनु स्मृति, रामचरितमानस और आरएसएस के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवरकर के बंच ऑफ थॉट्स समाज में नफरत फैलाने का काम करते हैं, चंद्रशेखर ने कहा कि तीनों किताबों ने समाज में नफरत फैलाई है। आरजेडी नेता ने रामचरितमानस की आलोचना करते हुए कहा कि यह किताब निचली जातियों के लोगों को शिक्षा से वंचित करने की बात करती है। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब भीम राव अंबेडकर ने भी दावा किया था कि तीनों पुस्तकें समाज में नफरत फैलाती हैं।
रामचरित मानस का अपमान बर्दाश्त नही
शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद जगतगुरू ने अपत्ति जताई और कंहा कि रामचरित मानस जैसे ग्रंथ का अपमान करने मांफी नही मांगते है तो जो कोई जीभ काट कर लाएगा उसे 10 करोड़ का ईनाम दिया जाएगा। उन्होने कहा कि रामचरित मानस ऐसा गंथ्र है जो कि समाज और परिवार को जोड़ने का काम कर रहे है। ऐसे गंथ्रो से सामाज एक बेहतर व्यवस्था बनी हुई है और लोग इसका अनुकरण कर रहें है, लेकिन ऐसे गंथ्र को लेकर टिप्पणी किया जाना न सिर्फ गंथ्र का बल्कि करोड़ों हिन्दुओं के आस्था पर प्रहार किए जाने जैसा है।