अहमदाबाद ब्लास्ट के 49 दोषियों में से 38 को सजा-ए-मौत, 11 को उम्रकैद, यह इतिहास की सबसे बड़ी सज़ा
Ahmadabad Serial Blast: भारत के इतिहास में अबतक की सबसे बड़ी सजा सुनाई गई है, अहमदाबाद ब्लास्ट कांड के 49 दोषियों में से 38 को सज़ा-ए मौत और 11 को उम्रकैद की सज़ा दी गई है। 26 जुलाई 2008 में गुजरात के अहमदाबाद में 21 बम धमाके हुए थे जिसमे 56 लोगों की जान चली गई थी.
- 26 जुलाई 2008 के दिन अहमदाबाद में सीरियल बम ब्लास्ट हुआ था
- 56 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी
- 13 साल बाद मृतकों और उनके परिजनों को न्याय मिला है
- 70 मिनट में 21 बम धमाके हुए थे 29 बम और प्लांट किए गए थे जो फटे नहीं
- 78 लोगों को आरोपी बनाया गया था, 1100 गवाहों का परीक्षण हुआ था, 19 दिन में 13 आतंकी पकड़ा गए थे
अहमदाबाद सीरियल बम ब्लास्ट के मामले में 13 साल बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है, 8 फरवरी को सिटी सिविल कोर्ट ने 78 आरोपियों में से 49 आरोपियों को दोषी ठहराया था, एक आरोपी सरकारी गवाह बन गया तो उसे बरी कर दिया गया। बाकी 29 लोगों को सबूतों की कमी होने के आधार में बरी कर दिया गया था।
क्या हुआ था उस दिन और क्यों हुआ था
26 जुलाई 2008 के दिन गुजरात के अहमदाबाद में 70 मिनट के अंदर एक के बाद एक 21 बम धमाके हुए थे, आतंकियों ने अहमदाबाद में अलग-अलग स्थानों में 50 बम प्लांट किए थे। इस दिल दहला देने वाली घटना में 56 लोगों की मौत हो गई थी और 200 लोग जख्मी हुए थे। इस सीरियल बम धमाके में 80 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा शुरू किया गया था, अहमदाबाद पुलिस ने 20 और सूरत पुलिस ने 15 प्राथमिकी दर्ज की थी. जहां कई इलाकों में ज़िंदा बम बरामद किए गए थे।
सूरत पुलिस ने 28 जुलाई से लेकर 31 जुलाई तक अलग-अलग इलाकों में 29 ज़िंदा बम बरामद किए थे , 17 बम वराछा और अन्य कतारगाम, महिदपुरा और उमरा से मिले थे, सर्किट और डेटोनेटर में फाल्ट आने से यह 29 बम नहीं फूटे।
अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट के पीछे कौन लोग थे
इस घटना के पीछे, इंडियन मुजाहिद्दीन (IM) और स्टूडेंटन्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया से जुड़े लोगों ने देश को दहलाने की साज़िश रची थी. विस्फोट होने से पहले आतंकियों ने ईमेल और टीवी के ज़रिये इन धमाकों की चेतावनी जारी की थी. पुलिस का कहना था कि आतंकियों ने साल 2002 में हुए गोधरा कांड के बाद हुए गुजरात दंगों का बदला लेने के लिए धमाके किए थे। इस मामले में एक आरोपी यासीन भटकल पर पुलिस नए सिरे से केस चलाएगी।
पहले 78 आरोपी थे
इस मामले में पहले 78 आरोपियों के खिलाफ केस चला था। कोर्ट ने सभी 35 एफआईआर को एक साथ जोड़ देने के बाद दिसम्बर 2009 में 78 आरोपियों के खिलाफ मुक़दमे शुरू किए थे गए. एक आरोपी सरकारी गवाह बन गया तो उसे बरी कर दिया गया. उस आतंकी का नाम अयाज सैयद है जो जिसे कोर्ट ने रिहा कर दिया है।
- 29 आरोपियों को सिर्फ सबूतों की कमी होने के चलते कोर्ट ने रिहाई देदी'
- इस मामले में 4 और आरोपियों को पुलिस ने पकड़ा है लेकिन उनपर मुकदमा शुरू नहीं हुआ है
8 आरोपियों की तलाश कर रही पुलिस
इस घटना के मामले में अहमदाबाद में 20 और सूरत में 15 शिकायतें दर्ज हुई थीं. देश के अलग-अलग शहरों से 78 आरोपियों को पकड़ा गया था, इनमे से इंडियन मुजाहिद्दीन के कुछ ऐसे भी आतंकी थे जिन्होंने राजस्थान में भी बम ब्लास्ट को अंजाम दिया था और पुलिस उनका पीछा कई सालों से कर रही थी. इस बम ब्लास्ट के 8 आरोपियों का पता अभी तक नहीं चल पाया है, पुलिस 13 साल से उनकी तलाश कर रही है। इस बम ब्लास्ट का मुख्य आरोपी यासीन भटकल दिल्ली केंद्रीय जेल में है जबकि अब्दुल सुभान उर्फ़ तौकीर कोचीन जेल में कैद है। लेकिन अब ज़्यादा नहीं कैद नहीं रहेंगे उन्हें कोर्ट ने 72 हूरों के पास भेजने का फैसला सुना दिया है।